30 जून को परिषदीय स्कूलों के 16 हजार शिक्षकों का गैर जनपदीय तबादले के बाद अभी तक उन्हें स्कूल अवंटित नहीं किया गया, जिससे शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। इन शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय में ज्वाइनिंग तो कर ली किंतु वरिष्ठता सहित अन्य प्रकरणों के चलते अभी स्कूल आवंटन नहीं हो पाया है। कई जिलों के शिक्षकों को तो दो-दो पदोन्नतियों का नुकसान हो रहा है।
बताते चलें कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित किए गए तमाम की वरिष्ठता काफी प्रभावित
- आवंटन के लिए बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय का चक्कर काट रहे 16 हजार शिक्षक
हो रही है। प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त पाने वाले शिक्षकों को तीन साल पढ़ाने के बाद प्राथमिक स्कूल का हेड मास्टर या फिर उच्च प्राथमिक स्कूल का सहायक अध्यापक पद पर पदोन्नत कर दिया जाता है। पांच वर्ष बाद वह उच्च प्राथमिक स्कूल के हेड मास्टर पद पर प्रोन्नति पाते हैं। अगर पदोन्नति तय समय पर नहीं हो पा रही है तो प्रथम नियुक्ति तिथि से 10 साल पर चयन वेतनमान और फिर 12 साल तक अगर दोबारा प्रोन्नति नहीं हुई है
तो प्रोन्नत वेतनमान दिया जाता है। कुछ जनपदों में तो शिक्षकों की पदोन्नति तय समय पर हो गई। और वह दो-दो प्रमोशन पा गए। मगर कई जिलों में 15-15 साल से नहीं हुई। किसी दूसरे जिले में स्थानांतरण होने पर शिक्षक को वहां सबसे कनिष्ठ पद पर कार्यभार ग्रहण कराया जाता है। ऐसे में अब कई जिलों में शिक्षकों की एक-एक नहीं बल्कि दो-दो पदोन्नतियों का नुकसान हो रहा है । अब वे शिक्षक पदभार ग्रहण करने को राजी नहीं हैं। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि शिक्षकों से जुड़े इन सभी प्रकरणों पर नीतिगत निर्णय होने हैं और इसके बाद ही उन्हें स्कूल आवंटित होगा, ताकि आगे कोई दिक्कत न हो।