*Chhattisgadh मे गतिमान भर्ती जिसमें अभी कुछ दिन पहले बीएड को अलग करते हुए सरकार ने लिस्ट जारी की थी और कल से counsiling होनी थी लेकिन high court ने बीएड वालो को बाहर कर दिया था पर आज सुबह छत्तीसगढ़ के साथियों द्वारा एक विशेष योजित याचिका कि सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से चीफ जस्टिस जी द्वारा तीन जजों कि बेंच को मामला टांस्फर किया गया जिसपर सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि कोई भी फैसला आप किसी भी कीमत पर रेटोस्पेक्टिव लागू नहीं कर सकते हैं और यह कहते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को नोटिस ईशू करते हुए भर्ती में बीएड साथियों को शामिल करके काउंसिल कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे कंउंसिलिंग मे शामिल कर दिया है
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माननीय उच्च न्यायालय छतीसगढ़ के आदेश के विरुद्ध कुछ लोग माननीय सर्वोच्च न्यायालय की शरण में गए जहाँ अब CONTRADICTORY आदेश हुआ है जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने साफ़ किया कि जब तक माननीय उच्च न्यायालय छतीसगढ़ की याचिका की सुनवाई पूरी न हो और निर्णय न आए तब तक BEd candidates को प्रतिभाग ही नही नियुक्ति तक से न रोका जाए, ये आदेश विरोधाभासी है क्योंकि शुरू से कह रहा हूँ बाबुओं की ग़लती से BEd की validity पर QUESTION MARK लगा है जिसमें बहती गंगा में कई लोग हाथ धो गए यहाँ तक कि बेंच ने भी काफ़ी कुछ कहा लेकिन हाल ही में हुई सुनवाई में बाबुओं की ग़लती को बताया गया कि STATUTORY BODY से ग़लती हुई है नाकि BEd inelligible है और इसी बात को CONSIDER करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के BEd अभ्यर्थियों के पक्ष में आदेश दिया है, इसको मील का पत्थर मानिये |