माध्यमिक शिक्षा में भी लागू होगा ‘लर्निंग आउटकम’
लर्निंग आउटकम
किसी विषय में बच्चे ने कितना सीखा या ज्ञान अर्जित किया उसे लर्निंग आउटकम कहते हैं। अलग-अलग अंतरालों पर किए जाने वाले मूल्यांकन के माध्यम से इसका पता चलता है।
लखनऊ, । लर्निंग आउटकम के माध्यम से कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के ज्ञान का स्तर परखा जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से इसके लिए बकायदा पाठ्य सामग्री एवं लर्निंग आउटकम विकसित किया गया है। सरकार ने इसके लिए विशेषज्ञों की एक प्रमाणीकरण समिति बना दी है जो जल्द ही तैयार पाठ्य सामग्री और लर्निंग आउटकम की ग्राह्यता की जांच करेगी। समिति की मंजूरी के बाद माध्यमिक शिक्षा में इसे लागू किया जाएगा।
प्राइमरी व अपर प्राइमरी की भांति माध्यमिक कक्षाओं में भी लर्निंग आउटकम का ज्ञान बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं ताकि कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों द्वारा अर्जित किये गये ज्ञान का मूल्यांकन किया जा सके। मंगलवार को समिति की हुई बैठक में विषय वस्तु विशेषज्ञों के अलावा यूपी बोर्ड, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, राज्य शिक्षा संस्थान तथा आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।