लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन में कार्रवाई का ब्योरा पेश करने के लिए समय दिया है।
इससे पहले लखनऊ पीठ ने बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार व अन्य पक्षकारों से रिट कोर्ट के 20 दिसंबर 2021 के फैसले के तहत प्रस्तावित कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। मगर सरकार ने पेश नहीं किया। इसके लिए सरकारी वकील ने समय देने का आग्रह किया, जिसे कोर्ट ने
मंजूर कर लिया। हालांकि कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ताकीद किया कि पहले के आदेश के अनुपालन का हलफनामा 11 सितंबर तक दाखिल न होने पर पक्षकार दो अधिकारियों सचिव बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह भगेल और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी कोर्ट में पेश होंगे।
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर दिया।
याची का कहना था कि 20 दिसंबर 2021 को शैक्षिक परिभाषा वाले प्रश्न पर रिट कोर्ट ने उनके शरण में आए अभ्यर्थियों को एक अतिरिक्त अंक देते हुए मेरिट के अनुसार नियुक्ति का आदेश दिया था। अभी तक रिट कोर्ट के इस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। जबकि इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज होने के बाद रिट कोर्ट का निर्णय पुष्ट हो गया है। वहीं, रिट कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने से करीब एक हजार अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। इसे रिट कोर्ट के आदेश की अवहेलना कहते हुए यह अवमानना याचिका दाखिल की गई। मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।