उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के 27512 पद खाली हैं। विधानसभा सदस्य डॉ. अजय कुमार के प्रश्न के जवाब में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभारी गुलाब देवी ने यह जानकारी दी है। एडेड कॉलेजों में प्रधानाचार्य के स्वीकृत 4166 पदों में से 1505 कार्यरत हैं और 2663 खाली हैं। प्रवक्ता के 20525 पदों में से 4384 रिक्त हैं। प्रशिक्षित स्नातक के 66334 पदों में 20465 खाली हैं। इस पर प्रतियोगी छात्रों ने रिक्त पदों को 2022 की प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी)- प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती में जोड़ने की मांग की है।
कम हो गए शिक्षकों के 1.39 लाख पद, अब 1.26 लाख खाली
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की संख्या एक साल में 1.39 लाख कम हो गई। बेसिक शिक्षा विभाग के चौंकाने वाले आंकड़े शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दो अगस्त को प्रस्तुत किया है। जवाब में 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में शिक्षकों के स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों की सूचना दी गई है। इसके मुताबिक 2021-22 में जहां शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 7,19,399 थी वहीं 2022-23 में 5,79,622 रह गई। साफ है कि एक साल में ही पदों की संख्या में 1,39,777 कमी हो गई।
पदों की संख्या कम होने का सीधा असर शिक्षकों के रिक्त पद में देखने को मिलता है। 2021-22 में रिक्त पदों की संख्या जहां 2,65,805 थी वहीं 2022-23 में घटकर 1,26,028 रह गई। यानि रिक्त पदों में कमी भी 1,39,777 की ही हुई है। आश्चर्य की बात है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी जाने, व्यापार चौपट होने और अन्य कारणों से सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है। इस लिहाज से शिक्षकों के पदों की संख्या भी बढ़नी चाहिए। जबकि इसके उलट स्वीकृत पद 1.39 लाख कम हो गए।