वर्ष था 2011 जाती हुई सरकार ताबड़तोड़ भर्ती निकाल रही थी उसी में एक भर्ती निकाली थी 72825 जिसमें BTC और BEd दोनों को सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया लेकिन विज्ञापन में था शब्द “प्रशिक्षु” जबकि BTC वाले पहले से ही प्रशिक्षित थे उसी समय शायद बलिया के थे एक चाचा शिव प्रकाश कुशवाहा उन्होंने इसी तर्क पर BTC के चयन को अलग करवाकर अखिलेश यादव के कार्यकाल में अलग से BTC की भर्ती करवाई थी क्योंकि BEd वालों को नियुक्ति पूर्व छः माह का प्रशिक्षण अनिवार्य था तदनुसार उन्हें तीन माह का प्रशिक्षण प्राथमिक विद्यालयों में और तीन माह DIET पर प्रशिक्षण करना होता था |
KVS वालों ने PRIMARY में नियुक्ति के लिए BEd के लिए छूट माँगी उसमें अधिकारियों ने वर्ष 2019 के आम चुनाव हेतु BEd को पूरे भारत में लागू किया और BRIDGE COURSE जैसा शिगूफ़ा रख दिया कि नियुक्ति के पश्चात ये करवाकर इन्हें BTC जैसा कर देंगे वैसे BEd है तो उच्च शिक्षा ही जिस पर अभी हाल ही में हुए निर्णय में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दलीलों को दरकीनर करते हुए BEd को उच्च शिक्षा हेतु माना है |
हक़ीक़त भी यही है कि BRIDGE COURSE का कोई CURRICULUM कोई SYLABBUS अभी तक NCTE ने पटल पर नही रखा है लेकिन नियुक्तियाँ हुए तीन वर्ष हो जाएँगे अब तो CANDIDATES का RIGHT भी GENERATE हो चुका है पर NOTIFICATION और ADVT का निर्णय अनुसार DISPOSE OFF होना पेचीदा तो रहेगा पर देखते हैं क्या होगा क्या नही फ़िलहाल तो BTC वाले इसमें किस प्रकार कार्य करेंगे ये देखना होगा |