CIVIL APPEAL 3707 of 2020 Ram Sharan Maurya & Ors. Vs State Of UP & Ors. ~
उपरोक्त जजमेंट 69,000 पदों पर BEd BTC को एक साथ लेकर की गई थी उसका है जिसमें PARAGRAPH 37 to 46 में BEd की eligibility के लिए बात कही गई है हालाँकि :-
एकल पीठ के निर्णय में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद लखनऊ बेंच ने साफ़ किया था कि ये ISSUE यहाँ नही उठाया गया है फिर हम इसको हाथ नही लगाएँगे लेकिन अपने जजमेंट के paragraph 154, 168, 178, 179, 180 में बहस के दौरान कहा था कि BEd BTC का एक साथ चयन का प्रश्न ही नही उठता है कुल मिलाकर कोर्ट समझ रही थी कि BTC वाले शिक्षक बनेंगे और ये शिक्षक तभी बनेंगे जब BRIDGE COURSE तय हो जाएगा और ये भी observation दिया कि ये issue challenge तो नही है अगर होता तो ADVT ही QUASH कर देते लेकिन इतने सारे लोगों का हित प्रभावित हो रहा है तो रहने दिया
पूर्व CJI जी के समक्ष जो QUESTION FRAME हुआ था वो था PROSPECTIVE और RETROSPECTIVE का यानी जब विज्ञापन निकला तब BEd वाले नही थे लेकिन 24.01.2019 को 23वाँ संशोधन किया गया और BEd को भर्ती के लिए जानबूझकर ELLIGIBLE किया गया ताकि शिक्षा मित्रों का हित प्रभावित हो सके तो इस पर जस्टिस ललित ने साफ़ किया कि BEd की एंट्री नियमों के अनुसार हुई है, RTE act के SECTION 23 (1) में NCTE जो कि NCTE ACT के SECTION 32 read with SECTION 12 & 12A ACADEMIC AUTHORITY है यानी शिक्षकों की न्यूनतम qualifications को तय करेगी, ATRE का GO 01.12.2018 को आया तो उसमें न्यूनतम qualifications as per NCTE norms ही दे रखा है तो ये शुरुआत से ही है कि राज्य सरकार ने NCTE के नियमों को ध्यान में रखा फिर बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन चाहे बाद में ही क्यों न किया गया हो क्योंकि NCTE 28.06.2018 को ही संशोधन कर चुकी थी तो BEd तो तभी से ELLIGIBLE है और POST appointment ट्रेनिंग के लिए
सवाल अब भी यही है सामने :- BRIDGE COURSE नही हुआ है दो साल से अधिक हो गया है और HIGH COURT से proper channel से litigation गई नही है आजतक और वही राजस्थान जजमेंट में UP वालों की petition dismiss नही की ताकि उनके पास RIGHT रहे HIGHCOURT जाने का और allow भी इसलिए नही की क्योंकि फिर BEd वाले बिना पक्ष रखे बाहर हो जाते