समयबद्ध रहे विभागों में प्रोन्नति की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि समयबद्ध पदोन्नति शासकीय सेवा का अनिवार्य हिस्सा है। हर कर्मचारी को नियत समय पर इसका लाभ मिलना ही चाहिए। पदोन्नति की प्रक्रिया अनावश्यक लंबित न रखी जाए। सीएम ने कहा कि कार्मिक विभाग के तहत पूर्व से स्थापित प्रशिक्षण समन्वय प्रकोष्ठ के कार्यों के साथ डिजिटल प्रशिक्षण का समन्वय करने तथा मानव सम्पदा पोर्टल को संचालित करने हेतु सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा एक नए अनुभाग कार्मिक अनुभाग-5 का सृजन किया जाए।
कर्मचारी समस्याओं का करें निस्तारण
सीएम ने निर्देश दिए कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कर्मचारी संगठनों का पूरा सम्मान है। शासन स्तर के अधिकारियों से हर विभागाध्यक्ष तक कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों से संवाद बनाए रखें। उनकी समस्याओं, आवश्यकताओं का प्राथमिकता के साथ यथोचित निस्तारण किया जाए। लखनऊ में निर्माणाधीन राज्य प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी को यथाशीघ्र क्रियाशील किया जाए। यह अकादमी अधिकारियों को प्रशिक्षण देने में उपयोगी होगी।
लखनऊ, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की समीक्षा की और सभी विभागों में खाली पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि सीएम फेलो की सेवावधि पूर्ण होने के बाद भविष्य में होने वाली शासकीय सेवाओं में इन युवाओं को वरीयता दी जाए। इन्हें आयु में छूट और अनुभव के लिए भारांक दिया जाना चाहिए। इस संबंध में सुस्पष्ट नीति तैयार करें।
मुख्यमंत्री अपने आवास पर बुधवार को देर शाम खाली पदों पर भर्ती के लिए समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सभी सीएम फेलो अच्छा कार्य कर रहे हैं। शासन के साथ जुड़कर आकांक्षात्मक विकासखंडों में कार्य करने का यह अवसर युवाओं को मूल्यवान अनुभव प्रदान करने वाला है। फेलोशिप कार्यक्रम के तहत शोधार्थियों को प्रदेश सरकार के साथ नीति, शासन, प्रबन्धन, कियान्वयन अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्राप्त हुआ है। इससे शोधार्थियों को विकास के विभिन्न क्षेत्रों को समझने तथा उनमें सहयोग करने का सुअवसर मिला है, जो उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक है।
सीएम ने कहा कि छह वर्ष में वरिष्ठ पदों पर तैनाती की औसत अवधि में विस्तार हुआ है। 2012-17 तक जिलाधिकारी स्तर पर जहां औसतन 12 माह का कार्यकाल होता था, आज न्यूनतम 18 माह की अवधि मिल रही है। इसी प्रकार अपर मुख्य सचिव-प्रमुख सचिव पद पर 2012-17 के मध्य औसतन कार्यकाल 17 माह का हुआ करता था, आज औसतन 26 माह की अवधि मिल रही है। इससे अधिकारियों को कार्य करने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। उन्हें अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का मौका भी मिल रहा है।