लाभार्थी के हिस्से का पोषाहार कोई दूसरा नहीं ले सकेगा
● पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण को पारदर्शी बना रही सरकार
लाभार्थी का होगा आधार आधारित सत्यापन
14 से 18 वर्ष आयु की किशोरी बालिकाएं तथा गर्भवती एवं धात्री महिलाएं स्वयं बायोमैट्रिक ऑथेंटिफिकेशन के लिए सक्षम हैं, इसलिए उनके द्वारा आधार बेस्ड सत्यापन करते हुए पोषाहार प्राप्त किया जाएगा। छह माह से छह वर्ष के बच्चों के स्वयं के द्वारा पोषाहार न प्राप्त करते हुए उनके अभिभावकों द्वारा ही व्यवहारिक रूप से पोषाहार प्राप्त किया जाता है। ऐसे में व्यवहारिक दृष्टिकोण रखते हुए उन बच्चों के माता या पिता के आधार बेस्ड बायोमैट्रिक ऑथेंटिफिकेशन की व्यवस्था स्थापित की जाएगी। इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद विस्तृत दिशा-निर्देश निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा यूपीडेस्को को एक सप्ताह में उपलब्ध कराया जाएगा।
लखनऊ,। योगी सरकार ने प्रदेश की बाल विकास परियोजनाओं के तहत संचालित आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण को और सुदृढ़ तथा पारदर्शी बनाने के लिए बायोमैट्रिक्स प्रणाली लागू किए का फैसला किया है। इसके तहत ई-पॉस मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में दिए। उन्होंने कहा है कि ई-पॉस मशीनों की स्थापना के लिए टेंडर के साथ ही ई-टेंडरिंग के माध्यम से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल तैयार करने की जिम्मेदारी यूपीडेस्को की होगी। हाल ही में योगी कैबिनेट ने ई-पॉस मशीनों के माध्यम से अनुपूरक पुष्टाहार योजना के तहत पोषाहार वितरण की व्यवस्था को मंजूरी दी है। इसके माध्यम से लाभार्थी के हिस्से का पोषाहार कोई दूसरा नहीं ले सकेगा।