देवरिया,
जिले के परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे करीब 50 फीसदी संदिग्ध शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन आख्या को बीएसए कार्यालय ने एसटीएफ को उपलब्ध करा दिया है। जो शेष रह गए हैं उन शिक्षकों का रिकार्ड खंड शिक्षा कार्यालय में होने के चलते उन्हें एकत्र किया जा रहा है। रिकार्ड आने के बाद उसे भी एसटीएफ को भेजा जाएगा।
जिले में कुछ वर्षो पूर्व शिक्षकों के भर्ती में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ था। दर्जनों की संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र पर लोग शिक्षक बन गए थे। इसकी जांच वर्ष 2017 में एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने शुरु किया। जिसमें कई शिक्षकों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। 31 जुलाई लखनऊ एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक ने देवरिया जिले के संदिग्ध शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों को तलब किया था। एसटीएफ द्वारा मांगे गए शिक्षक के शैक्षिक, जाति, मूल प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र के सत्यापन आख्या की प्रतिलिपि समेत अन्य रिकार्ड को विभाग के कर्मचारी एकत्र करने के लिए लगे हुए थे। शनिवार को बीएसए कार्यालय के कर्मचारी ने कुछ शिक्षकों के सत्यापन आख्या को प्रमाणित कराकर एसटीएफ कार्यालय लखनऊ को उपलब्ध करा दिया है। अभी भी एसटीएफ द्वारा मांगे गए शिक्षकों की सूची में आधा शेष है। विभाग उनके रिकार्ड को एकत्र करने में लगी हुई है। वहीं कुछ शिक्षकों के रिकार्ड को खंड शिक्षाधिकारी के कार्यालयों से मंगाया जा रहा है। इसके एकत्र होने के बाद उन्हें एसटीएफ को सौंप दिया जाएगा।
एसटीएफ द्वारा मांगे गए शिक्षकों के रिकार्ड में से 50 प्रतिशत शिक्षकों का रिकार्ड लखनऊ उपलब्ध करा दिया गया है। शेष 50 प्रतिशत शिक्षकों के रिकार्ड को एकत्र कराया जा रहा है। शेष शिक्षकों के रिकार्ड को भी जल्द ही एसटीएफ को उपलब्ध कराया जाएगा।
शालिनी श्रीवास्तव, बेसिक शिक्षाधिकारी, देवरिया।