उच्च शिक्षा मंत्री के बयान के बाद भर्ती को लेकर दूर हुआ असमंजस
प्रयागराज । प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती पूर्व की भांति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ही कराएगा। मंत्री के इस बयान के बाद आयोग पर भर्ती जल्द शुरू करने का दबाव बढ़ गया है। भर्ती के लिए प्रतियोगियों के अलग- अलग संगठन आयोग में कई बार धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को महीनों पहले एलटी ग्रेड शिक्षक के तकरीबन छह हजार पदों का अधियाचन मिल चुका है। आयोग को जीआईसी प्रवक्ता के रिक्त पदों का अधियाचन भी मिल चुका है। नए शिक्षा सेवा आयोग के गठन की जब कवायद शुरू हुई थी, तब राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षक भर्ती को लेकर असमंजस की स्थिति थी।
यूपीपीएससी को महीनों पहले मिल चुके हैं रिक्त पदों
यह स्पष्ट नहीं था कि राजकीय शिक्षण संस्थानों में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ही पूर्व की भांति शिक्षक भर्ती कराएगा या नए शिक्षा सेवा चयन आयोग को इस भर्ती की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
आयोग में भी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती को लेकर उहापोह की स्थिति थी। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग से संबंधित विधेयक सात अगस्त से शुरू होने जा रहे सत्र में पारित किया जाना है।
विधेयक पारित होने के बाद आयोग एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती शुरू करा सकता है। बुधवार को प्रयागराज आए उच्च शिक्षा मंत्री गया है। योगेंद्र उपाध्याय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि नया शिक्षा सेवा चयन आयोग केवल एडेड शिक्षण संस्थाओं में ही शिक्षक भर्ती
कराएगा। ऐसे में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती और प्रवक्ता जीआईसी भर्ती को लेकर किसी तरह का असमंजस नहीं रह गया है और आयोग भी ये दोनों भर्ती जल्द शुरू कराने का दबाव बढ़
के पदों पर कोई नई भर्ती नहीं हुई। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि एलटी ग्रेड शिक्षक के हजारों पद रिक्त पड़े हैं और आयोग को महीनों पहले अधियाचन भी मिल चुका है।
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पिछला विज्ञापन पांच साल पहले मार्च 2018 में जारी किया गया भर्ती प्रक्रिया शीघ्र था। इसके बाद एलटी ग्रेड शिक्षक करनी चाहिए।
जब उच्च शिक्षा मंत्री ने स्थिति स्पष्ट कर दी है तो आयोग को