बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड की डिग्री अमान्य कर दी गई है। ऐसे में बिना ब्रिज कोर्स के तीन साल से नौकरी कर रहे बीएड डिग्रीधारकों को चिंता सताने लगी है। विभाग इनको अब तक ब्रिज कोर्स नहीं करवा सका है। अब शिक्षक खुद ब्रिज कोर्स करवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन भर्ती को लेकर चल रहा विवाद इसमें रुकावट बन रहा है।
बेसिक शिक्षक बनने के लिए बीटीसी (अब डीएलएड) ही शैक्षिक अर्हता है। समय-समय पर विशिष्ट बीटीसी के तहत बीएड डिग्रीधारकों को भी इसमें मौका दिया गया। इसके लिए उनको छह माह का विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग (ब्रिज कोर्स) करना जरूरी है।
जब भी बीएड वालों को भर्ती में मौका दिया गया तो उनको जॉइनिंग से पहले छह माह का ब्रिज कोर्स करवाया गया। ऐसे ही 69,000 शिक्षक भर्ती साल 2000 में की गई। इसमें भी बीटीसी के साथ बीएड वालों को मौका दिया गया। इनको बिना ब्रिज कोर्स करवाए सीधे जॉइनिंग दे दी गई।
तब से नौकरी कर रहे हैं और पूरा वेतन मिल रहा है। इनकी संख्या करीब 20 हजार है। अब सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया है कि अब बीएड वाले शिक्षक भर्ती के लिए मान्य ही नहीं हैं। यह निर्णय भविष्य की भर्तियों पर लागू है। जिनका पहले ही ब्रिज कोर्स हो चुका है और प्रक्रिया के तहत नौकरी कर रहे हैं, वे तो निश्चिंत हैं।
जबकि 69 हजार शिक्षक भर्ती वाले बीएड डिग्रीधारियों को चिंता सताने लगी है कि ब्रिज कोर्स नहीं किया तो कहीं भविष्य में कोई दिक्कत न आ जाए। इसके लिए हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ब्रिज कोर्स करवाने की मांग भी की है। महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्र ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एनसीटीई के नियम का हवाला देते हुए कहा है कि जल्द इनको ब्रिज कोर्स करवाया जाए।