प्रयागराज । चयन के पांच साल बाद भी एक शिक्षक ज्वाइनिंग के लिए भटक रहा है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 19 जून 2018 को घोषित चयन परिणाम में फतेहपुर के मूसेपुर निवासी नागेन्द्र पाल का चयन प्रवक्ता इतिहास के पद पर इन्द्राणी इंटरमीडिएट कॉलेज संग्रामगढ़ प्रतापगढ़ में हुआ था।
13 अगस्त 2018 को प्रतापगढ़ के जिला विद्यालय निरीक्षक एसपी यादव ने स्कूल प्रबंधन को नागेन्द्र पाल को कार्यभार ग्रहण कराने का आदेश दिया लेकिन प्रबंधन ने ज्वाइनिंग नहीं कराई। अफसरों के कई बार पत्र लिखने के बावजूद स्कूल में ज्वाइनिंग नहीं मिलने पर नागेन्द्र पाल ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी।
कोर्ट ने 16 मई 2022 को शिक्षा निदेशक इस मसले पर निर्णय लेने के निर्देश दिए। तत्कालीन शिक्षा निदेशक डॉ. सरिता तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने प्रवक्ता इतिहास के रिक्त पद की सूचना चयन बोर्ड को भेजने के बावजूद अनियमित तरीके से 24 जुलाई 2012 को अल्का तिवारी की नियुक्ति कर ली गई। वेतन भुगतान न होने पर अल्का तिवारी ने याचिका की जिसे हाईकोर्ट ने 24 जुलाई 2013 को खारिज कर दिया। इस बीच तदर्थ शिक्षकों की अनियमित नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में संजय सिंह की ओर से दायर याचिका में अल्का तिवारी का मामला भी संबद्ध हो गया। सुप्रीम कोर्ट के 26 अगस्त 2020 के आदेश पर अल्का तिवारी को 2021 की प्रवक्ता भर्ती में शामिल होने का अंतिम अवसर दिया गया लेकिन वह परीक्षा पास नहीं कर सकीं। निदेशक ने 20 अक्टूबर 2022 के अपने निर्णय में डीआईओएस प्रतापगढ़ को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव देने के निर्देश दिए।
हालांकि उसके बाद से न तो आज तक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई और न ही नागेन्द्र पाल को कार्यभार ग्रहण कराया जा सका।
यह प्रकरण फिलहाल मेरे संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सुरेन्द्र तिवारी, अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक
● इंद्राणी इंटर कॉलेज संग्रामगढ़ में 19 जून 2018 को हुआ था चयन
● शिक्षा निदेशालय से लेकर हाईकोर्ट तक नागेन्द्र पाल ने लगाई दौड़