कुशीनगर।
पडरौना कोतवाली के मइला नगरी स्थित परिषदीय विद्यालय में में पढ़ाई कर रहे बच्चों के बीच मोहर्रम का जुलूस लेकर जाने के मामले में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दोषी पाए गए हैं। पडरौना के बीईओ ने इस मामले में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पर कार्रवाई के लिए पडरौना कोतवाल को पत्र लिखा है। जांच के ही क्रम में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को भी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया जा चुका है।
पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मइला नगरी में बीते 28 जुलाई को प्राथमिक विद्यालय में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान गांव के प्रधान प्रतिनिधि महमूद आलम की अगुआई में मोहर्रम का जुलूस निकाला गया था। जुलूस के दौरान ही कुछ युवक नारेबाजी करते हुए लाठी डंडे व धार हथियार लेकर विद्यालय के अंदर घुस गए। जिससे अध्यापक और बच्चों में डर का माहौल हो गया। कुछ देर बाद उन्हें गेट से बाहर कर स्कूल में मौजूद जिम्मेदारों ने गेट बंद कर दिया था। इस पूरे प्रकरण का वीडियो भी किसी ने वायरल कर दिया था। मामले में गांव के ही मुकेश दुबे ने जिम्मेदारों से इसकी शिकायत की थी। फिर शिकायतकर्ता ने ही सीएम पोर्टल पर भी शिकायत की। जिसके बाद बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी पडरौना ने
प्रधानाध्यापिका को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच की। जांच के बाद मंगलवार को जांच रिपोर्ट पोअर्ल पर अपलोड की गयी है। इसमें बीईओ ने प्रधान प्रतिनिधि को दोषी मानते हुए पडरौना कोतवाली को उन पर कार्रवाई करने को लिखा है।
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि प्रकरण में वीडियो भी वायरल हुआ था। गांव के ही मुकेश दुबे ने इसकी शिकायत की थी। विद्यालय जाकर बच्चों और अध्यापकों से बात की गई। जांच के बाद प्रधान प्रतिनिधि महमूद आलम के खिलाफ कार्रवाई के लिए पडरौना कोतवाल को लिखा गया है