क्या 69000 शिक्षक भर्ती से बीएड बाहर हो पायेगा।
Honorable SC द्वारा दिया गया फैसला 69000 में चयनित B.ed साथियों को प्रभावित कर सकता है या नहीं आइए आदेश में वर्णित कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियों से समझने का प्रयास करते हैं ——
- आर्टिकल 21A भाग 3 जो प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए free and compulsory education के साथ quality education पर भी जोर देता है और quality education के साथ किसी भी प्रकार के समझौते से इंकार करता है
2- pedagogical skill की पढ़ाई B.ed के कोर्स में सम्मिलित नहीं है जिसको खुद NCTE ने स्वीकार किया है इस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है- The inclusion of B.ED. as a qualification amounts to lowering down of the ‘quality’ of the education at primary level.
3- संपुर्ण आर्डर को पढ़ने के पश्चात B.ed के लिए कोर्ट के द्वारा की गयी सबसे घातक और तल्ख टिप्पणी इस प्रकार है कि- हमारी प्राथमिकता quality education ना होकर B.ed डिग्री धारकों को job provide करने तक सीमित रह गयी है ये स्पष्ट रूप से जानते हुए भी कि B.ed धारक primary level के लिए suitable नहीं है
Our priority seems to be different. It is not impart to quality education but to provide more job avenues to B.ed candidates in the presence of overwhelming evidence that B.ed course is not a suitable course for primary classes.
नोट – इस आर्डर में बहुत सारे बारिक पहलुओं पर टिप्पणी की गयी है पर सबसे अहम टिप्पणियों पर दृष्टिपात किया गया है
इस तर्क से हम भी बिल्कुल सहमत है कि कोई भी settled law तब तक प्रभावी रहता है जबतक कि उसे unconstitunal ना घोषित कर दिया जाए तो क्या B.ed धारक 28 June 2018 के NCTE के द्वारा जारी किए गए गजट के शर्तों को यथा appointment के दो वर्ष के भीतर bridge को पुरा कर लेना है fullfill करते हैं
इसको एक पल के लिए ignore भी कर देते हैं तो क्या 2023 में भी गजट के निरस्त होने तक गजट के शर्तों को पुरा कर लिए हैं
जवाब है नहीं
तो फिर आप कैसे कह सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला 69000 में चयनित अभ्यर्थियों पर प्रभाव नहीं डाल सकता जबकि गजट के निरस्त हो जाने के बाद 2018 me issue किए गए ctet और tet के certificate भी अब legal tender नही रहे ठीक 500 रूपए वाले पुराने नोटों की तरह
सबसे बड़ा रहस्य और यक्ष प्रश्न है ?
आप की सबसे बड़ी बाधा primary level के लिए mandatory pedagogical skill की requirement को अब तक bridge course के द्वारा ना fullfill कर पाना है जिसका उद्देश्य quality education से है और कोर्ट के रूख से स्पष्ट है कि वो किसी भी सूरत में quality education से समझौता के लिए तैयार नहीं है जबकि 2018 का गजट जो आपको protect करता था वर्तमान में उसका अस्तित्व ही नहीं रहा
Ncte, बी•ए•ड धारी चयनितों के लिए कोई विशेष regulations लेकर आए तभी उनके हितों की रक्षा हो सकती है अन्यथा उनके नियुक्ति पर घनघोर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे है जो पर विदित रहे दुसरे पक्षकारों द्वारा यदि इस प्रकार कोई Regulation लाया भी जाता है तो उसे 2018 के गजट की तरह illegal tender बनाने की भरपूर कोशिश की जाएगी, क्योंकि सभी पक्ष अपने अपने हितों को साधने की पराकाष्ठा पर हैं, अब ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा है कौन किसका शिकार करता है
It’s human nature. इसमें किसी का बदला निहित है तो किसी का हक
अंत में जो जीता वही सिकंदर
भावनाओं में बहकर नही बल्कि संतुलित तथा मर्यादित शब्दों मे और तार्किक चिंतन से विचारों का आदान प्रदान करें
आप सभी का स्वागत है
आर्डर के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु इस पोस्ट में संलग्न है
This is my unbaised personal opinion having read the each any every aspect of the SC order. Let's forget the retrospective effect, just tell me one thing do you have required qualifications (Bridge course) till this date?
This is the million dollar question.