लखनऊ। मदरसा शिक्षकों और कर्मचारियों को हज और उमरा के मुकद्दस सफर पर जाना महंगा साबित हो रहा है। शिक्षकों-कर्मियों का कहना है कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (डीएमओ) एक तरफ अर्जित अवकाश की स्वीकृति को न मानकर वेतन काट रहे हैं तो दूसरी तरफ अवैतनिक अवकाश पर वेतन वृद्धि रोकने के लिए प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों को बाध्य कर रहे हैं। टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने आठ डीएमओ की मनमानी की शिकायत शासन से की है।
उप्र मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त प्रदेश में करीब 16460 मदरसे हैं। इनमें 560 अनुदानित हैं। मदरसा नियमावली 2016 के अनुसार मदरसा शिक्षकों को वे सब अवकाश देय हैं जो माध्यमिक व बेसिक शिक्षकों को मिलते हैं। मदरसा शिक्षा परिषद के पूर्व सदस्य एवं टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहेब जमां खां ने बताया कि मऊ, आजमगढ़, महाराजगंज, कुशीनगर, अंबेडकरनगर, अयोध्या, बलरामपुर तथा भदोही के डीएमओ हज व उमरा पर जाने वाले मदरसा शिक्षकों व कर्मचारियों के अर्जित
टीचर्स एसो. मदारिसे अरबिया ने शासन से की 8 जिलों के एमओ की शिकायत
अर्जित अवकाश की स्वीकृति को न मानने और वेतन वृद्धि रोकने का आरोप
अवकाश की स्वीकृति को न मानते हुए वेतन काटने तथा अवैतनिक अवकाश लेने वाले शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकने के लिए प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों को बाध्य कर रहे हैं। मऊ के जामिया आलिया अरबिया के शिक्षक रसीदउज्जमां मदनी रमजान में उमरा के लिए, अंबेडकर नगर टांडा के मदरसा मंजरे हक के शिक्षक मसलहुद्दीन हज पर और अयोध्या के रौनाही स्थित मदरसा अल जायमतुल इस्लामिया के शिक्षक मो. रेहान हज के मुकद्दस सफर पर सऊदी अरब गए थे। लेकिन सभी औपचारिकता पूरी होने के बाद भी उनका वेतन काटा जा रहा है। ऐसे करीब 50 मामले सामने आए हैं। उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की अपर मुख्य सचिव एस मोनिका गर्ग को पत्र भेज कर शिक्षकों के वेतन काटने और वेतन वृद्धि रोकने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है। (