शहजाद अंसारी
बिजनौर। महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा निर्धारित टाइम एंड मोशन स्टडी मासूम बच्चों पर भारी पड़ रही है। क्योंकि दोपहर दो बजे तक स्कूलों में रहने में बेसिक शिक्षकों की तो नहीं – लेकिन प्राईमरी स्कूल में पढने वाले छोटे बच्चों की हालत खराब हो जाती
- प्राइमरी स्कूल के बच्चों के साथ दोहरे व्यवहार से अभिभावकों में रोष
है। गर्मी व उमस के कारण कई बार बच्चे बेहोशी की हालत में पहुंच जाते हैं जबकि दूसरी ओर माध्यमिक विद्यालयों के बड़े बच्चों की छुट्टी 12 बजे ही हो जाती है ऐसे में बड़े और छोटे बच्चों के प्रति दोहरे व्यवहार से अभिभावक भी त्रस्त हैं महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद द्वारा बेसिक के छोटे छोटे बच्चों पर जारी टाइम एंड मोशन स्टडी का फरमान गर्मी
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और उमस में भारी पड़ रहा है जिसके तहत गर्मियों में विद्यालय का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक रखा गया है जबकि माध्यमिक के बड़े बच्चों कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों का टाइम माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा सुबह 7:30 से दोपहर 12 बजे तक निर्धारित किया गया है। कक्षा 1 से 5 तक के बेसिक मासूम बच्चों के साथ यह दोहरा व्यवहार अभिभावकों की समझ से परे हो रहा है जिसमें उसका कक्षा 7 में पढ़ने वाला बड़ा बच्चा दोपहर 12 बजे घर वापिस आ जाता है और कक्षा 1 से 5 तक में बेसिक के विद्यालय में पढ़ने वाला बच्चा दोपहर 2 बजे की उमस
भरी गर्मी में विद्यालय से आता है, यह व्यवस्था बेसिक के छोटे मासूम बच्चों पर भारी पड़ रही है गर्मी और उमस में बच्चे बेहोशी की कगार तक पहुंच जाते हैं इतना ही नही दोपहर 1 बजे बिजली भी गुल हो जाती है कई विकलांग बच्चे भी बेसिक विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करते है । शिक्षक संगठनों ने कई बार विभाग का ध्यान इस ओर कराया लेकिन कोई व्यवस्था अभी तक छोटे बच्चों को राहत देने के लिए नहीं की गई है जबकि पूर्व में सुबह 7 से 12 बजे तक की व्यवस्था सही थी व्यवस्था में मनमाना परिवर्तन करने से अभिभावकों में रोष व्याप्त है ।