*-सभी बीएसए को मंगलवार को स्कूलों में चेकिंग करने के निर्देश*
लखनऊ,
_प्रदेश भर के अलग-अलग स्कूल से एक दिन का अवकाश लेकर भारी संख्या में लखनऊ धरना देने पहुंचे प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की बुधवार को उनके विद्यालयों में हाजिरी चेक की जाएगी। मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर अचानक से भारी संख्या में बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव करने पहुंचे इन शिक्षकों की वजह से बेसिक शिक्षा निदेशालय में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ। निदेशालय में पूरे दिन अफरातफरी का माहौल रहा। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने इसे गंभीरता से लिया है और मंगलवार को प्रदेश भर में शिक्षकों की हाजिर की जांच करने के निर्देश दिए हैं।_
*एक साथ इतने शिक्षकों का अवकाश क्यों हुआ मंजूर*
_शिक्षकों के धरने के दौरान निदेशालय में बैठे तमाम अधिकारी शासन की बैठकों में नहीं जा सके जबकि बाहर से भी कोई निदेशालय में नहीं पहुंच पाया। कामकाज प्रभावित होने से आहत महानिदेशालय ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से लेकर सभी जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट्स) के प्राचार्यों एवं खण्ड शिक्षा अधिकारियों को कड़ा पत्र भेजकर नाराजगी जाहिर की है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद के निर्देश पर सभी संबंधितों को पत्र भेजकर महानिदेशालय ने पूछा है कि एक साथ एक ही दिन इतनी अधिक संख्या में शिक्षकों को निदेशालय के घेराव के लिए अवकाश कैसे स्वीकृत कर दिया गया। अगर एक साथ समूह कर अवकाश लिया गया है तो इसकी सूचना महानिदेशालय को क्यों नहीं दी गई।_
*महानिदेशालयों को सामूहिक अवकाश की क्यों नहीं दी जानकारी*
_सभी संबंधितों को भेजे पत्र में कहा गया है कि सोमवार नौ अक्तूबर को बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ में शिक्षक संगठनों के तहत काफी संख्या में शिक्षकों द्वारा घेराव किया गया है और सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न की गई। आश्चर्य है कि इतनी बड़ी संख्या में आप द्वारा शिक्षकों का एक दिन का अवकाश स्वीकृत करते समय किसी भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अथवा अन्य द्वारा अधोहस्ताक्षरी या महानिदेशालय को अवगत नहीं कराया गया। इस प्रकार एक अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न की गई है। अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि कल 10 अक्तूबर को प्रातः नौ बजे सभी विद्यालयों में स्थलीय निरीक्षण कराते हुए इन शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। यदि शिक्षक विद्यालय से अनुपस्थित पाए जाते हैं तो उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में इस प्रकार की प्रवृत्ति की पुनरावृत्ति न हो।_