प्रयागराज, । नकल माफिया सरकारी कर्मचारियों को अपने रैकेट में शामिल कर परीक्षाओं में सेंधमारी कर रहे हैं। हर प्रतियोगी परीक्षा में किसी न किसी कर्मचारी का नाम सामने आ रहा है। कभी डॉक्टर तो कभी शिक्षक पकड़े जाते हैं। कचहरी के बाबू से लेकर ऑडिटर तक इसमें शामिल रहे हैं। शहर के नामी संस्थान से जुड़े कर्मचारियों का नाम भी सामने आ चुका है। इस बार पीईटी में एटा जिला कचहरी में तैनात बाबू मान सिंह यादव का नाम सामने आया।
प्रयागराज एसटीएफ ने मान सिंह यादव को आरोप लगाया कि उसी ने वाराणसी स्थित परीक्षा स्थित केंद्र के एक कक्ष निरीक्षक को सेट करके व्हाट्सएप पर पेपर मंगाया था। इसके बाद पेपर सॉल्व कराकर अभ्यर्थियों तक पहुंचाया जा रहा था। मान सिंह की तलाश जारी है। हैरानी की बात ये है कि प्रयागराज में नकल माफिया के रूप में चिन्हित डॉ. केएल पटेल भी सरकारी डॉक्टर था। उसके खिलाफ प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ बड़ी कार्रवाई कर चुकी है। इससे पूर्व एसटीएफ ने पिछले साले टेट में झूंसी में एक गैंग का खुलासा किया था, जिसमें उत्तराखंड में तैनात ऑडिटर अमित वर्मा का नाम सामने आया। 2021 में भी एसटीएफ ने शिवकुटी में एक गैंग पकड़ा था जिसमें अमित वर्मा को वांटेड किया गया था। कर्नलगंज पुलिस ने दरोगा भर्ती में एक सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इससे पहले एसटीएफ ने डॉ. केएन काटजू के तत्कालीन प्रिंसिपल और शिक्षक को नकल कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था। लेखपाल भर्ती में चेतना गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल और प्रबंधक को भी पुलिस जेल भेज चुकी है।