रामपुर: बेसिक स्कूलों में 1 दिसंबर से शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की तैयारी है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग को शासन से टैबलेट प्राप्त होंंगे। शिक्षक अब स्कूल में पहुंचकर टैबलेट के माध्यम से अपनी ऑनलाइन हाजिरी लगाएंगे।प्रदेश सरकार बेसिक स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को सुधारने का काम कर रही है। स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प से लेकर निपुण भारत मिशन का क्रियान्वयन हो रहा है।
बिना इंटरनेट कैसे उपस्थिति लगाएंगे गुरुजी, 1 दिसंबर से ऑनलाइन उपस्थिति
जिससे जरिए प्रदेश के बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर विषय में दक्ष बनाया जा रहा है। साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं। इसी क्रम में शैक्षिक गुणवत्ता को और बेहतर करने के नजरिए से सरकार ने बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक व इंचार्ज प्रधानाध्यापकों की ऑनलाइन उपस्थिति का निर्णय लिया है। प्रदेश में लखनऊ मंडल के जिलों में 20 नवंबर से इस व्यवस्था को लागू भी किया जा चुका है। पायलट प्रोजेक्ट योजना yojna के अंतर्गत शिक्षक टैबलेट के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। अब दिसंबर से बाकी अन्य जिलों में इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए जिले में तीन हजार के करीब टैबलेट भी स्कूलों school को प्राप्त होंगे। इसकी सूची परिषद की ओर से विभाग vibhag को प्राप्त हो चुकी है।मगर इनको चलाने के लिए शिक्षक असमंजस की स्थिति में हैं।
दरअसल, जिन जिलों में इन टैबलेट tablet से ऑनलाइन उपस्थिति लगाई जा रही है, वहां के स्कूलों school में वाई फाई का कनेक्शन प्रदान किया गया है। मगर जिले में अभी अधिकांश स्कूलों school में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिन स्कूलों school में स्मार्ट क्लास का संचालन हो रहा है, केवल वहीं पर वाई फाई की सुविधा दी गई है। ऐसे में विभाग के अधिकारी कंपोजिट ग्रांट से इंटरनेट का खर्च वहन करने की बात कह रहे हैं लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि 2 साल से शिक्षकों teacher को कंपोजिट ग्रांट का पैसा भी नहीं मिला है। स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षक अथवा प्रधानाध्यापक चाक से लेकर डस्टर तक अपने पैसे से खरीद रहे हैं। ऐसे में टैबलेट प्राप्त होने पर इंटरनेट का खर्च वहन कर पाना शिक्षकों teacher के लिए मुश्किल साबित होगा।