राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के निवेशकों को अब अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। इसको लेकर पेंशन नियामक ने सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार, अब निवेशक अलग-अलग परिसंपत्ति वर्ग के लिए तीन कोष निधि प्रबंधक चुन सकेंगे।
इस निवेश के तहत एनपीएस ग्राहक अलग-अलग परिसंपत्ति वर्ग में निवेश कर सकते हैं। इनमें इक्विटी, सरकारी बांड, कॉरपोरेट बांड और वैकल्पिक परिसंपत्ति वर्ग शामिल हैं। गौरतलब है कि पहले एनपीएस ग्राहकों के पास पेंशन कोष फंड मैनेजर चुनने की सुविधा नहीं थी। जब ग्राहक एक पेंशन कोष निधि प्रबंधक चुनता था तो जो पैसे एनपीएस के अलग-अलग संपत्ति वर्ग में डाले गए थे, वो उसी प्रबंधक द्वारा प्रबंधित किया जाता था।
नया एनपीएस नियम आपके रिटर्न को कैसे प्रभावित कर सकता है
● मान लें, आपने हर परिसंपत्ति वर्ग में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले पेंशन प्रबंधक के पास निवेश किया हों और समान भार वाला पोर्टफोलियो बनाया हो तो आपको हर साल 10.90 प्रतिशत का रिटर्न मिलता।
● नोट वैकल्पिक परिसंपत्ति पर पांच साल का सालाना रिटर्न मान्य नहीं होगा।
फायदा कैसे होगा?
आपने किसी पेंशन फंड को कोष निधि प्रबंधक चुना है और आप इक्विटी और बांड में निवेश करते हैं तो यही दोनों कोष निधि का प्रबंधन कर रहा होगा। अब आप इक्विटी के लिए अलग और बांड के लिए अलग-अलग प्रबंधक चुन सकेंगे।
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