राजीव मिश्र बरेली : पहली शिक्षक मां होती है मगर, उसमें दुलार ज्यादा है। वो भले ही पत्थर सी दिखे, फिर भी बातों पर मोम जैसी पिघल जाती है… शायद इसीलिए उनके सामने बच्चों की जिद टिक जाती है। ठंड का वास्ता देकर कुछ बच्चों ने ऐसी ही जिद पकड़ ली, वे बिना नहाए स्कूल चले आए। यहां दूसरे शिक्षक से वास्ता पड़ा। वो दुलार तो करते हैं मगर, भविष्य गढ़ने की खातिर अनुशासन का दायरा भी रखते हैं।
बिना नहाए स्कूल आए बच्चों को उन्होंने ऐसी सीख दी, जोकि संभवतः मस्तिष्क पर अटल हो जाएगी। उन्होंने पंपिंग सेट चलवाया और बच्चों को डुबकी लगवा दी। हर डुबकी पर एक वाक्य कहलवाते गए… बच्चों बोलो- अब मैं रोज नहाकर स्कूल आऊंगा। साफ रहकर
बरेली में पंपिंग सेट चलवाकर नहलाए बच्चे, प्रधानाचार्य ने अभिभावकों के वाट्सएग्रुप पर वीडियो साझा कर दी नसीहत
बीमारियों को करीब नहीं आने दूंगा। अनुशासन का अनोखा पाठ सोमवार को फरीदपुर के छत्रपति शिवाजी इंटर कालेज में पढ़ाया गया। प्रार्थना सभा के बाद शिक्षक बच्चों से नियमित पूछते हैं कि कौन- कौन आज नहाकर नहीं आया है? सोमवार को सवाल उठा तो आठ बच्चों ने हाथ उठा दिया… गुरुजी ठंड बहुत है इसलिए हम नहाकर नहीं आए हैं। शिक्षक ने पलटकर सवाल किया- आप लोग तो शनिवार को भी बिना नहाए आए थे। वे सब ठिठक गए, छठी से आठवीं कक्षा के इन बच्चों के मौन से जो बयां हुआ, उसे गुरुजी ने भांप लिया।