यूपी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अब और ज्यादा छात्र-छात्राओं को सरकारी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई का लाभ मिल सकेगा। राज्य सरकार इस बाबत केन्द्र सरकार को गरीब ओबीसी छात्र-छात्राओं के परिवारों की वार्षिक आय सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये किये जाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। यह जानकारी प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में दी।
उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में विभाग के अफसरों के साथ एक बैठक हो चुकी है। जल्द ही एक और बैठक करके केन्द्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा। अभी ओबीसी छात्रवृत्ति के लिए गरीबी की रेखा के नीचे का मानक लागू है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में 46 हजार 80 रुपये और शहरी क्षेत्र में 56 हजार 420 रुपये की वार्षिक आय वाले ओबीसी परिवारों के छात्र-छात्राओं को ही छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की सुविधा मिल पा रही है।
उन्होंने बताया कि चालू शैक्षिक सत्र में सभी पात्र आवेदकों को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की सुविधा मिल सके, इसके लिए अनुपूरक बजट में 331 करोड़ रुपये की और व्यवस्था की गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह पहला शैक्षिक सत्र होगा जब ओबीसी के कक्षा 10 से नीचे और कक्षा दस से ऊपर की कक्षाओं व पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत ओबीसी छात्र-छात्राओं में से आवेदन करने वाले सभी पात्र आवेदकों को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की सुविधा मिल पाएगी। इनकी संख्या करीब 27 लाख होगी। बजट की कमी के चलते हर साल लाखों छात्र-छात्राएं यह सुविधा पाने से वंचित रह जाते हैं। पिछले शैक्षिक सत्र में बजट की कमी के चलते करीब छह लाख ओबीसी छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की सुविधा पाने से वंचित रह गये थे।