लखनऊ (एसएनबी)। डिप्टी सीएम एवं नेता सदन केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि सदन के सदस्यों की भावनाओं को देखते हुये सरकार विधायको और पूर्व विधायकों के वेतन-भत्ते वढ़ाने परविचार करेगी। इसके साथ ही इन्हे मिलने वाले ईधन और टेलीफोन भत्ते को इनकी दरों के इंडेक्स पर भी जोड़ने पर मंथन किया जाएगा ताकि इनकी वढ़ोत्तरी दरों के साथ निर्धारित होते रहे।
श्रीमौर्या शुक्रवार को विधान परिषद में भाजपा के उमेश द्विवेदी द्वारा लाये गये प्रस्ताव पर जवाव दे रहे थे। शून्यकाल के दौरान उमेश द्विवेदी ने कहा कि पूर्व विधायकों की पेंशन तथा कूपन खर्च करने की सीमा वहुत कम है। इसे वढ़ाये जाने की जरूरत है। इनमे वर्ष 2013 से कोई वढोत्तरी नही हुई है। भाजपा सदस्य ने कहा कि यूपी की तुलना में दूसरे राज्यों में विधायको और पूर्व विधायकों के वेतन-भत्ते वहुत अधिक है। उन्होने कहा कि 26 फरवरी 2020 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन्हे वढ़ाये जाने की घोषणा भी की थी

और इसके लिये कमेटी का भी गठन किया गया था लेकिन कमेटी की रिपोर्ट का आज तक कुछ अता-पता नही चला है। सपा के लाल विवारी यादव, शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी, पवन सिंह आकाश अग्रवाल, आशीष पटेल, संजय निषाद सहित अन्य कई सदस्यों ने वेतन-भत्ते वढ़ाने के प्रस्ताव के पक्ष में अपनी वात सदन में रखी। इससे पहले सपा के लाल विहारी यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, नरेश चन्द्र उत्तम, एवं अन्य सदस्यों ने शिक्षामित्रों को समायोजित करने के साथ-साथ वित्त विहीन शिक्षकों का मानदेय वढ़ाये जाने तथा उनकी सेवा पुस्तिका वनावाये जाने के संबंध में सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराये जाने की मांग की। सूचना की ग्राह्यता पर आशुतोष सिन्हा, डा मानिसंह यादव एवं मुकुल यादव ने अपने विचार व्यक्त किये। वेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। जिस पर अधिष्ठाता डा जयपाल सिंह व्यस्त ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को आवश्यक कार्यवाही हेतु जाने के निर्देश दिये।
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