अमरोहा। तमाम कोशिशों के बाद भी परिषदीय स्कूलों में छात्र उपस्थिति अपेक्षा के अनुरूप नहीं बढ़ पा रही है। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड में छात्र उपस्थिति की मॉनीटरिंग शुरू होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। बीएसए ने जिले में तीस प्रतिशत से भी कम छात्र उपस्थिति वाले दस स्कूलों के मुख्य अध्यापकों का स्पष्टीकरण तलब किया है। सुधार नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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जिले में 1266 परिषदीय स्कूलों का संचालन होता है। जिसमें लगभग सवा लाख छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। बेसिक स्कूलों बड़ी रकम खर्च होने के बाद भी छात्र उपस्थिति बढ़ नहीं पा रही है। अब मुख्यमंत्री डैशबोर्ड ने भी बेसिक स्कूलों में इसकी मॉनीटरिंग शुरू कर दी गई है। जिसके बाद छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग भी गंभीर हो गया है। बीएसए डॉ. मोनिका ने इसके लिए सभी स्कूलों में भ्रमण पंजिका भी बनवाई थी। जिसमें शिक्षकों को छात्रों के अभिभावकों से संपर्क कर स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किए जाने के बाद उसका ब्योरा उस पंजिका में दर्ज करना था। लेकिन इसके बाद भी कुछ स्कूलों में इसका असर दिखाई नहीं दिया। ऐसे में जिले में सबसे कम छात्र उपस्थिति वाले दस मुख्य अध्यापकों का स्पष्टीकरण तलब किया गया है। यहां एक माह की औसतन उपस्थिति तीस प्रतिशत से भी कम रही है।
इन स्कूलों के मुख्य अध्यापकों का स्पष्टीकरण हुआ तलब
दस विद्यालयों की सूची में सबसे ज्यादा चार स्कूल जोया ब्लॉक के हैं। एक अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक सूचना के आधार पर जोया के ब्लॉक ढेला नंगला के प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय अटेरना, भीकनपुर मुंडा, धनौरा मुराद नगर शामिल हैं। इसके अलावा गजरौला ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बागड़पुर माफी, उच्च प्राथमिक विद्यालय शहबाजपुर डोर एवं बलदाना हीरा सिंह और गंगेश्वरी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय खरपड़ी व सुतावली तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय दढि़याल खादर के मुख्य अध्यापकों का स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
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बेसिक स्कूलों में छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई बार निर्देशित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड से भी इसकी समीक्षा हो रही है। जिले में सबसे कम छात्र संख्या उपस्थिति वाले दस स्कूलों के मुख्य अध्यापकों का स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
-डॉ. मोनिका बीएसए