, प्रयागराजः हाई कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के संबंध में प्रयागराज आए माध्यमिक/बेसिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव सोमवार सुबह करीब साढ़े दस बजे अचानक शिक्षा निदेशालय पहुंच गए। कर्मचारियों की कम उपस्थिति देख अनुभागों का निरीक्षण कराया तो 85 कर्मचारी अनुपस्थित मिले। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। विधि विभाग में उन्होंने बैठ कर मुकदमों से संबंधित मामलों को लेकर जानकारी की। उसके बाद उन्होंने अधिकारियों से कहा कि समय-समय पर अनुभागों का निरीक्षण कर कर्मचारियों की उपस्थिति देखी जाए। लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
हाई कोर्ट में एक मामले में सोमवार सुबह सुनवाई के चलते शिक्षा निदेशक रविवार को ही प्रयागराज आ गए थे। सोमवार सुबह सुनवाई के मद्देनजर निदेशालय के कुछ अधिकारियों के साथ 10 बजे हाई कोर्ट पहुंचे। वहां सुनवाई दोपहर बाद होने की जानकारी मिलने पर साढ़े दस बजे के लगभग शिक्षा निदेशालय आ गए। यहां विधि विभाग में पहुंचे तो कर्मचारियों की संख्या कम मिली। कई कुर्सियां खाली थीं। इस पर अन्य अनुभागों का निरीक्षण कराया तो वहां भी स्थिति अच्छी नहीं मिली। उन्हें बताया गया कि 85 कर्मचारी निरीक्षण के समय तक कार्यालय नहीं पहुंचे थे। इसके बाद कई कर्मचारी विलंब से पहुंचे। निरीक्षण के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ कामकाज को लेकर वार्ता भी। वार्ता के दौरान उप शिक्षा निदेशक रामचेत, सीएल चौरसिया, राजेंद्र सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। बाद में शिक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश प्रयागराज के पदाधिकारियों ने शिक्षा निदेशक से मुलाकातकी।
प्रयागराज। हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई के सिलसिले में सोमवार को पहुंचे माध्यमिक व बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव सुबह करीब 10:20 बजे शिक्षा निदेशालय पहुंच गए। उस समय तक निदेशालय के कुल 386 कर्मचारियों में से 85 अपनी सीट पर नहीं पहुंचे थे। नाराजगी जताते हुए निदेशक ने कई सेक्शन का दौरा किया।
उपस्थिति रजिस्टर में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के हस्ताक्षर नहीं थे। निदेशक ने बताया कि अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल, राजेन्द्र प्रताप, दिनेश सिंह, सीएल चौरसिया, रामचेत आदि अधिकारी मौजूद थे