लखनऊ,। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) की ओर से शिक्षा निदेशक कार्यालय पर सोमवार को धरना दिया गया।
शिक्षक नेताओं ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 को वापस लेकर चयन बोर्ड तथा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 को बहाल करने व इसकी धारा 21,18 व 12 में मिली सेवा सुरक्षा व सेवा शर्तों को लागू रखने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने तथा शिक्षा का निजीकरण बंद कर माध्यमिक विद्यालयों का राजकीयकरण करने की मांग की। संयुक्त मोर्चा के संयोजक लालमणि द्विवेदी ने कहा कि चयनबोर्ड अधिनियम की धारा 21 की सेवा सुरक्षा समाप्त होने से विद्यालयों में शिक्षकों का शोषण और उत्पीड़न बढ़ जाएगा तथा न्यायालय में मुकदमों की भरमार हो जाएगी।
आरोप नई भर्ती बंद करने की साजिश
लालमणि द्विवेदी ने कहा कि नया आयोग शिक्षकों की नई भर्ती बंद करने की साजिश है। संयुक्त मोर्चा की तीनों मांगें जायज हैं। सरकार ने कार्यवाही नहीं की तो संयुक्त मोर्चा जेल भरो आंदोलन को बाध्य होगा। अध्यक्ष मंडल के अध्यक्ष जगदीश पांडेय ने कहा कि सरकार शिक्षा का निजीकरण पर उतारू है।
सरकार पुरानी पेंशन देना नहीं चाहती है सोहनलाल
अध्यक्ष मंडल के दूसरे अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन देना नहीं चाहती है और दूसरी ओर एनपीएस में शिक्षकों के जमा धन में बड़े-बड़े घोटाले शुरू हो गए हैं। अब तक उत्तर प्रदेश के 30-35 जिलों से घोटाले की सूचना आ चुकी है लेकिन जांच के नाम पर लीपापोती होती हो रही है।