प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों की विशेष अपीलीय खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सिंचाई विभाग (जल संसाधन) से रिटायर कर्मचारी को उसकी दैनिक वेतन एवं वर्कचार्ज सेवाओं को जोड़कर पुरानी पेंशन देने का निर्देश दिया गया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद दैनिक वेतनभोगी या वर्कचार्ज के रूप में काम करके बाद में नियमित हुए कर्मचारियों को उसके नियमितीकरण से पूर्व की सेवाएं नहीं जोड़े जाने का रास्ता साफ हो गया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने राज्य सरकार के सचिव सिंचाई (जल संसाधन) विभाग की विशेष अपील पर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल एवं अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय को सुनकर दिया है। एकल पीठ ने ऐसे ही कर्मचारी के पक्ष में आदेश किया था कि उसके दैनिक वेतन व वर्कचार्ज के कार्य को भी जोड़कर उसे पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। विशेष अपील में एकल पीठ के तीन जुलाई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने सिंचाई विभाग (जल संसाधन) मिर्जापुर से रिटायर कर्मचारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर आदेश दिया था कि याची की दैनिक वेतन एवं 1997 से 2011 तक वर्कचार्ज सेवाओं को जोड़कर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। एकल पीठ ने यूपी रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 के नियम दो को असंवैधानिक बताते हुए कहा था कि वर्कचार्ज के रूप में दी गई सेवाओं को न जोड़ने का कोई युक्तियुक्त औचित्य प्रतीत नहीं होता।