• खर्च का हिसाब देने में की जा रही लापरवाही
• महाविद्यालयों को दिए गए थे तीन करोड़ रुपये
, प्रयागराज : पिछले सत्र में
राजकीय महाविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था के लिए दी गई धनराशि का प्राचार्यों ने अब तक उपभोग प्रमाण पत्र नहीं दिया है। खर्च का हिसाब देने में लापरवाही की जा रही है, इसलिए उच्च शिक्षा निदेशालय से प्राचार्यों को नोटिस जारी किया गया है। उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध न कराने पर कार्यवाही की जाएगी।
सत्र 2022 23 में प्रदेश के 15 राजकीय महाविद्यालयों को तीन करोड़ रुपये दिए गए थे। इस धनराशि से कालेजों में भवन निर्माण सहित कई कार्य कराए जाने थे। धनराशि जारी होने के बाद प्राचार्यों ने उसे किस मद में खर्च किया, इसका अब तक हिसाब नहीं दिया गया। सत्र के समापन पर प्राचार्यों को इसका उपभोग प्रमाण पत्र उच्च शिक्षा निदेशालय में देना था, लेकिन
ऐसा नहीं किया गया। अब शासन से इस संबंध में पूछा गया तो निदेशालय के अफसर भी सक्रिय हुए हैं। संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डा.
केसी वर्मा ने बताया कि अनुदान- 73 के अंतर्गत यह धनराशि दी गई थी। प्राचार्यों ने खर्च का विवरण निर्धारित समय में उपलब्ध नहीं कराया गया, इसलिए अब पत्र जारी किया गया है। उपभोग प्रमाण पत्र जमा न करने पर उन्हें दी जाने वाली अगली धनराशि रोक दी जाएगी। साथ ही उनके खिलाफ कार्यवाही भी कीजाएगी