उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चे प्रणाम और सलाम के साथ ही वणक्कम बोलना भी सीखेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के 1.14 लाख से अधिक प्राथमिक स्कूलों में कक्षा एक व दो की अंग्रेजी, हिन्दी व गणित की राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें चलनी है। इन किताबों को यूपी के संदर्भ में कस्टमाइज करते हुए राज्य शिक्षा संस्थान की ओर से रिपोर्ट एनसीईआरटी मुख्यालय भेजी गई थी। यूपी के संदर्भ में संशोधित कक्षा एक अंग्रेजी के चैप्टर दो अभिवादन में वणक्कम के स्थान पर प्रणाम और सलाम शब्द लिखने की अनुमति मांगी गई थी।
एनसीईआरटी ने प्रणाम और सलाम शब्द तो छापने की अनुमति दी है लेकिन साथ ही वणक्कम भी शामिल करने को कहा है, ताकि बच्चों को भाषा की विविधता से परिचित कराया जा सके। इसी प्रकार पूर्वोत्तर राज्य के खाद्य पदार्थ गुदोक के स्थान पर खीर लिखने की अनुमति मांगी थी। जिस पर खीर के साथ ही गुदोक को भी लिखने की सलाह दी है। कक्षा एक ही किताब में इडली की बजाय हलवा लिखने की अनुमति मांगी गई थी। एनसीईआरटी ने टिप्पणी की है कि इडली दक्षिण भारत का चर्चित खाद्य पदार्थ है जिसे पूरे देश में लोग जानते हैं इसलिए इसे किताब से बाहर नहीं किया जाना चाहिए।
एनसीईआरटी की सलाह के अनुसार अपग्रेड होंगी किताबें
कक्षा दो अंग्रेजी की किताब में आवा (एक से अधिक भाषा में प्रचलित मां का नाम) के स्थान पर मां और ओंशांग्ला की जगह शांति शब्द लिखने की अनुमति मांगी गई थी हालांकि एनसीईआरटी ने इन शब्दों को किताब से बाहर न करने की सलाह दी है। कक्षा दो की किताब में उपमा के स्थान पर हलवा शब्द प्रकाशित करने का अनुरोध किया था, लेकिन एनसीईआरटी ने उपमा को भी पढ़ाने की सलाह दी है। कुछ त्योहारों फूलदेई, आदि पेरुक्कु, पैंग ल्हाबसोल के नाम की जगह मकर संक्रांति, होली, दिवाली व ईद का नाम छापने की अनुमति मांगी गई थी। काउंसिल ने नए नाम जोड़ने की अनुमति दी है लेकिन पहले से चले आ रहे नाम बनाए रखने का सुझाव दिया है। सहायक उपशिक्षा निदेशक राज्य शिक्षा संस्थान डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि एनसीईआरटी के निर्देशानुसार किताबों को यूपी के संदर्भों में लिखा जा रहा है।