प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के शासनादेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
तदर्थ शिक्षकों की ओर से दाखिल याचिकाओं में उनकी सेवा समाप्त करने के नौ नवंबर 2023 के शासनादेश को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में अंतरिम आदेश में यह भी स्पष्ट किया है की यह आदेश केवल उन्हीं तदर्थ शिक्षकों पर लागू होगा, जिनकी नियुक्तियां सेकंड रिमूवल ऑफ डिफिकल्टी ऑर्डर एवं धारा 18 तथा यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग रूल्स 1995 के नियम 15 के तहत हुई हो।
हाईकोर्ट ने यह आदेश विनोद कुमार श्रीवास्तव व कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अंतरिम आदेश का लाभ उन्हीं तदर्थ शिक्षकों को मिलेगा जो धारा 33 बी, सी, जी के तहत विनीयमितीकरण के हकदार होंगे। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों ने याचिकाएं दाखिल कर प्रदेश सरकार द्वारा नौ नवंबर 2023 के शासनादेश को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी है। सरकार ने इस शासनादेश से प्रदेश तदर्थ शिक्षकों को जो धारा 33 जी के तहत विनीयमितीकरण के हकदार नहीं है, उनकी सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया है।