बरेली, बेसिक और निजी स्कूल मंगलवार से खुल गए। सुबह बच्चे ठंड में कांपते हुए स्कूल पहुंचे। स्कूलों में अलाव जलाकर बच्चों को ठंड से बचाया गया। छुट्टी के समय तो ठंड और भी अधिक बढ़ गई। दिनभर बच्चे और अभिभावक प्रशासन से छुट्टी की गुहार लगाते रहे। लोग बोले- हीटर-ब्लोअर में बैठे अधिकारियों को फर्क नहीं पड़ा और मांग नहीं मानी।
मंगलवार से स्कूल खुल गए। सुबह घने कोहरे और गलन के बीच बच्चे स्कूल पहुंचे। ठंड इतनी अधिक थी कि स्कूल पहुंचते पहुंचते बच्चे ठिठुर गए। मॉडल स्कूल हरुनगला, यूपीएस मोहिद्दीनपुर, यूपीएस शेरगढ़ आदि में तत्काल अलाव की व्यवस्था की गई। बच्चों ने आग ताप कर खुद को ठंड से बचाया। बहुत से स्कूलों में बच्चों को जमीन पर बैठना पड़ा। ठंडी जमीन होने के कारण उन्हें सर्दी ने और भी जकड़ लिया। दिन में कुछ देर के लिए मध्यम धूप निकली मगर उससे भी कोई राहत नहीं मिली। तीन बजे के आसपास जब छुट्टी हुई, तब ठंड अपने चरम पर पहुंच गई थी। दिन में ही कोहरा छाया था।
पड़ोसी जिलों में स्कूल बंद
मौसम विज्ञान विभाग ने अगले तीन दिन कोल्ड डे रहने का पूर्वानुमान जताया है। ऐसे में अभिभावकों ने आठवीं तक के बच्चों की छुट्टी करने की मांग उठाई। पीलीभीत और बदायूं में छुट्टी होने के बाद लोगों को लगा कि शाम तक बरेली में भी छुट्टी हो जाएगी। लोगों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ प्रशासन में भी संपर्क साधा। मगर, देर शाम तक अधिकारियों के ऊपर कोई असर नहीं हुआ।
600 में से आये 18 छात्र
ठंड का आलम यह था कि सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों में भी उपस्थिति बेहद कम रही। खुद अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं रहे। सैदपुर हॉकिंस में 600 में से 18 छात्र ही पहुंचे। कंपोजिट स्कूल बाकरगंज में ठंड के कारण केवल पांच बच्चे ही आये। सरकारी विद्यालयों के साथ निजी में भी बच्चों की संख्या भीषण ठंड में काफी कम रही।