जल्द ही परिषदीय स्कूलों की एमडीएम रसोइयों से एल्यूमिनियम के बर्तन बाहर होंगे। इसके लिए केंद्र से मिले निर्देश के बाद राज्य के मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने भी पत्र जारी कर इनका प्रयोग कम से कम करने के आदेश दिए हैं। ज्यादा से ज्यादा स्टेनलेस स्टील के बर्तन के प्रयोग की सीख दी।
मध्याह्न भोजन प्राधिकरण निदेशक कंचन वर्मा ने भारत सरकार से मिले निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि एमडीएम की रसोई में एल्यूमिनियम के बर्तनों का कम से कम प्रयोग किया जाए। निदेशक ने कहा है कि एल्यूमिनियम की लीचिंग का खतरा रहता है। योजना के तहत भोजन पकाने में एल्यूमिनियम के बर्तनों का कम से कम उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाए। भविष्य में योजना के लिए बर्तनों के क्रम में एल्यूमिनियम के स्थान पर स्टेनलेस स्टीले के बर्तनों को वरीयता दी जाए।
खाद्य सामग्री एवं तापमान पर करता है निर्भर
एल्यूमिनियम बर्तनों के प्रयोग से भोजन में एल्यूमिनियम की लीचिंग होती है। वैसे तो यह भोजन पकाने के तापमान पर निर्भर करता है। टमाटर, इमली, खटाई एवं सिरका जैसे तत्व भी इसे प्रभावित करते हैं। एमडीएम में टमाटर एवं खटाई का प्रयोग तो होता ही है। इसी वजह से प्राधिकरण एल्यूमिनियम का प्रयोग कम से कम करने पर जोर दे रहा है।
सरकार का यह फैसला सही है। एल्यूमिनयम के बर्तन में खाना पकाने से तापमान एवं खाद्य सामग्री के प्रयोग के आधार पर एल्यूमिनियम की लीचिंग होती है। इससे शरीर में एल्यूमिनियम की मात्रा बढ़ जाती है। इससे कई तरह की परेशानी भी होती हैं। जिन एल्यूमिनियम के बर्तन में खरोंच होती हैं, उससे इसका खतरा और बढ़ जाता है।
– डॉ.गौरव अग्रवाल, वरिष्ठ सर्जन