नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में शिक्षिका द्वारा कथित तौर पर सहपाठी छात्रों से एक छात्र को पिटवाने के मामले में पीड़ित बच्चे के अलावा अन्य छात्रों की काउंसलिंग नहीं कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की खिचाई की। शीर्ष अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा है कि तथ्यों से जाहिर है कि सरकार उसके निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने में पूरी तरह से विफल रही है।
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर एतराज जताया और घटना में शामिल सभी छात्रों का काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया। पीठ ने सरकार को आदेश पालन करने और दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा। पीठ ने कहा कि ह्यहमने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की नवीनतम रिपोर्ट का अवलोकन किया है, जिसमें उस घटना के गवाह सभी छात्रों की काउंसलिंग की बात कही गई है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। पीठ ने कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है।