नई दिल्ली । अगर किसी करदाता ने वित्त चालू वर्ष में आयकर रिटर्न भरने के लिए नई कर व्यवस्था का चुनाव किया है लेकिन अब वह पुरानी कर व्यवस्था में जाना चाहता है तो इसके लिए नया फॉर्म भरना होगा। साथ ही अलग प्रक्रिया भी पूरी करनी होगी। आयकर विभाग ने यह सुविधा उपलब्ध करा दी है।
आयकर विभाग हाल ही में आकलन वर्ष 2024-25 करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म जारी किए। इनमें कर छूट दावों के लिए विवरण फॉर्म के साथ ही फॉर्म-10-आईईए शामिल है। जो करदाता नई से पुरानी कर व्यवस्था में आना चाहता है, उसे यह फॉर्म भरना होगा। ऐसा नहीं करने पर यह माना जाएगा कि करदाता ने नई व्यवस्था को अपनाया है और कर की गणना भी उसी के मुताबिक होगी। गौरतलब है कि सभी आयकरदाताओं के लिए नई कर व्यवस्था डिफाल्ट व्यवस्था है यानी कि पहले से तय है।
जो लोग पुरानी कर व्यवस्था में वापस जाना चाहते हैं, उन्हें नए 10-आईईए फॉर्म में कई तरह की जानकारियों को भरना होगा। इसके तहत पैन नंबर, कर भुगतान का पूरा विवरण आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, फॉर्म में दोनों कर व्यवस्था के बदलाव करने की हिस्ट्री के बारे में भी पूछा जाएगा।
क्या है फॉर्म 10-आईईए कर विशेषज्ञों के अनुसार, डिफॉल्ट व्यवस्था के तहत नई कर व्यवस्था पहले से चुनी हुई होती है और उसी के आधार पर कर की गणना होती है। अगर किसी करदाता को लगता है कि पुरानी व्यवस्था में उसे ज्यादा कर छूट का लाभ मिल रहा है तो वह इसमें वापस जा सकता है।
31 जुलाई है अंतिम तिथि
कर विशेषज्ञों ने कहा कि यह फॉर्म आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से पहले जमा करना होगा। कुछ मामलों ने 31 दिसंबर तक भी विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं लेकिन तब पुरानी व्यवस्था को चुना नहीं जा सकेगा।