जास, इटावा शासन ने 15 फरवरी से परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को आनलाइन हाजिरी के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकांश विद्यालयों में टैक्लेट अलमारी में कैद होकर रह गाए हैं अथवा सुरक्षा को चिंता में शिक्षक घर ले गए हैं। शासन ने सिम मुहैया नहीं कराई है तो शिक्षक अपनी आइडी पर सिम खरीदने के लिए तैयार नहीं हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ सहित सभी शिक्षक संगठन इस मुद्दे पर एक स्वर हैं तो इससे शिक्षकों को भी बल मिल रहा है। प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी सिम सहित आनलाइन हाजिरी को लेकर शिक्षकों के सामने व्यावहारिक दिक्कतों के मसले पर बीएसए से मिलकर अपना पक्ष रख चुके हैं। यही वजह है कि 15 फरवरी से पोर्टल पर आनलाइन हाजिरी शून्य दिख रही है।
जनपद में प्रथम चरण में 2,244 शिक्षकों को टैबलेट मिले हैं, लेकिन अधिकांश टैबलेट शिक्षकों के घर पहुंच गए हैं अथवा विद्यालय की अलमारी में कैद होकर रह गए हैं। क्योंकि अभी तक इनमें नेट नहीं चल रहा है। हालांकि विभाग ने शिक्षकों को अपनी आईडी पर सिम खरीदने के निर्देश दिए हैं, लेकिन शिक्षक इस पर तैयार नहीं हैं। इस मामले में शिक्षकों का कहना है कि विभाग सिम मुहैया कराए। ऐसी स्थिति में फिलहाल आनलाइन हाजिरी लगाने के बेसिक शिक्षा विभाग का प्रयास सफल नहीं हो सका है। दीगर तौर पर बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक लीव एप्लीकेशन (छुट्टी के लिए आवेदन) के साथ अन्य सभी कार्य पहले से ही आनलाइन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं मांडलिक मंत्री विनोद यादव का कहना है कि सरकार अपने कायाँ के लिए शिक्षकों के लिए समय सीमा तय कर देती है, लेकिन शिक्षकों को व्यावहारिक दिक्कतों को भी समझना चाहिए। मसलन ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या, खेत पर
मौजूद छात्र की विद्यालय में समय पर उपस्थिति। आनलाइन हाजिरी के लिए तारीख तय कर दी, लेकिन दैवलेट बगैर सिम के चालू कैसे हों। शिक्षक अपनी आईडी पर सिम नहीं खरीदेंगे, इसका फैसला शिक्षक संघ द्वारा लिया जा चुका है। इसके लिए सरकार सिम खरीद कर दें ताकि शिक्षकों का स्थानांतरण होने के बाद सिम को लेकर कोई विवाद नहीं हो। विद्यालय को आईडी पर सिम देना चाहिए। इसके लिए अलग से फंड देना चाहिए।
दूरदराज के गांवों में कैसे चलेगा इंटरनेट
टेबलेट वितरण को लेकर उत्साहित रहे शिक्षक फिलहाल आनलाइन हाजिरी के दबाव से से मुक्त मुक्त। होकर राहत महसूस कर रहे है। हालांकि उनकी चिता का एक र कारण दूरदराज के गांवों में नेटवर्क की समस्या है। कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां मोबाइल फोन में भी इंटरनेट नहीं आता है। पिछले वर्ष सितंबर माह में निपुण असेस्मेंट टेस्ट की कापियां अपलोड करनी थी तो कई शिक्षकों ने घर पर आकर उन्हें अपलोड किया क्योंकि विद्यालय में मोबाइल फोन से कार्य नहीं हो पा रहा था।