लखनऊ। विधानसभा में मंगलवार को बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने प्रश्नकाल में कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत आउट सोर्सिंग या संविदा कर्मचारियों को स्थाई करने की कोई योजना नहीं है। दूसरी ओर बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षकों को कैशलेस इंश्योरेंस देने पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए कमेटी गठित की गई है। फिलहाल, शिक्षकों की भर्ती की कोई योजना नहीं है। सपा के डा. संग्राम यादव और डॉ. ह्रदय नारायण सिंह पटेल व अनिल कुमार ने सवाल किया कि क्या सरकार आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के साथ ही संविदा कर्मियों को राहत देने का काम करेगी।
उन्हें स्थाई किया जाएगा। आखिर क्या मजबूरी है और क्या अड़चनें हैं जो सरकार कमीशन लेने वाली कंपनियों को काम दे रही है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि शासन ने इस संबंध में सख्त शासनादेश किया है। कोई भी कंपनी एक बार चयनित कर्मचारी को निकाल नहीं सकती है। अगर विलंब से वेतन दिया जाता है तो कंपनी से 18 फीसदी ब्याज वसूलने का नियम है। संविदा कर्मियों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम हैं। सपा का वॉकआउट