सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री का पद असंवैधानिक नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि उपमुख्यमंत्री राज्य सरकार का एक मंत्री होता है और यह पद केवल एक लेबल है। भले ही आप किसी को उपमुख्यमंत्री कहते हैं, लेकिन इससे दर्जा नहीं बदलता है।
मु्ख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर््ित जे.पी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने विभिन्न राज्यों में उप मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति का संवैधानिक अर्थों में कोई संबंध नहीं है, यह पद उच्च वेतन जैसे कोई अतिरिक्त लाभ प्रदान नहीं करता है।
अदालत ने उप मुख्यमंत्री की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने राज्यों में उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए,रोक लगाने की मांग की थी।