लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी वर्ष 2024-25 में 50 फीसदी प्राथमिक विद्यालयों को निपुण बनाने के लिए जिलों के अलग-अलग ब्लॉक में जाकर इसकी सच्चाई जानेंगे। इसके बाद ही इन्हें निपुण घोषित किया जाएगा।
निपुण मिशन के अनुसार, कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को शब्दों को जोड़कर पढ़ना, अंकों की पहचान, अंग्रेजी वर्णमाला का प्रयोग करना आना चाहिए। इसी क्रम में विभाग ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व एक-एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई है। यह 14 से 29 फरवरी तक अलग-अलग तिथियों में संबंधित जिलों में जाकर दो-दो प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। इसमें बच्चों की परफार्मेंस, क्लासरूम की स्थिति, शैक्षणिक सामग्री की
आपूर्ति देखी जाएगी। एआरपी दस निपुण विद्यालय व शिक्षक संकुल के विद्यालय को निपुण बनाने की स्थिति की समीक्षा करेंगे। वह ब्लॉक संसाधन केंद्रों का निरीक्षण कर खंड शिक्षा अधिकारियों, एसआरजी, डायट मेंटर, एआरपी के साथ बैठक भी करेंगे। अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि वह डायट प्राचार्य व निपुण भारत सेल के सदस्यों के सहयोग से एक विस्तृत रिपोर्ट टेंगे। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी