डीए और डीआर में हर साल 2 बार इजाफा किया जाता है, जनवरी और जुलाई में। आखिरी बार डीए में अक्टूबर 2023 में 4 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी, जिसके बाद यह 46 प्रतिशत हो गया था। मौजूदा महंगाई को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार डीए में फिर से 4 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है।
अगर डीए बढ़ाने पर मार्च में फैसला होता है, तो सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ 1 जनवरी 2024 से मिलेगा।
किस आधार पर होता है डीए-डीआर का फैसला
केंद्र सरकार इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए डीए का निर्धारण सीपीआई डाटा (CPI-IW) पर करती है। 12 महीने का औसतन सीपीआई डाटा 392.83 है, जिसके अनुसार डीए बेसिक पे का 50.26 प्रतिशत होना चाहिए। सीपीआई-आईडब्ल्यू डाटा लेबर मिनिस्ट्री द्वारा हर महीने जारी किया जाता है।
डीए बढ़ने का प्रभाव
डीए में वृद्धि से सरकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ेगा, जिससे उनकी क्रय शक्ति में भी सुधार होगा। यह वृद्धि अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद होगी क्योंकि इससे खर्च में वृद्धि होगी और मांग बढ़ेगी।