झांसी। शिक्षकों के विद्यालय समय पर आने की निगरानी करने के लिए सरकार बायोमीट्रिक हाजिरी और एप लागू कर चुकी है, लेकिन शिक्षक समय पर विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। शनिवार को बड़ागांव ब्लॉक के एक स्कूल के गेट पर ताला लटका रहा और बच्चे और बीएसए बाहर खड़े होकर शिक्षक के आने का इंतजार करते रहे। काफी देर तक शिक्षक के न पहुंचने पर बीएसए ने शिक्षक का वेतन रोका है। वहीं अन्य स्कूलों में भी शिक्षा गुणवत्ता की पोल खुलती नजर आई।
बीएसए नीलम यादव ने शनिवार को जिले के सात विद्यालयों का निरीक्षण किया। बीएसए सुबह 10:20 बजे प्राथमिक विद्यालय कोलवा पहुंचीं। जहां गेट पर ताला लटका था। एक शिक्षामित्र और विद्यार्थी गेट पर खड़े होकर प्रधानाध्यापक का इंतजार कर रहे थे। बीएसए ने भी यहां खड़े होकर प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के आने का इंतजार किया। काफी देर तक कोई नहीं आया तो उन्हाेंने नाराजगी जताते हुए वेतन रोकने के निर्देश दिए।
इसके बाद बीएसए उच्च प्राथमिक विद्यालय कोलवा पहुंचीं। यहां सिर्फ एक ही अध्यापक उपस्थित था। जबकि शेष स्टॉफ गायब था। विद्यार्थियों की उपस्थिति भी कम थी। उच्च प्राथमिक विद्यालय निनौरा में एक शिक्षक अनुपस्थित था। बीएसए ने बच्चों से ठोस, द्रव, गैस अवस्था के बारे में पूछा। इसका कक्षा छह, सात और आठ के बच्चे जवाब नहीं दे पाए। प्राथमिक विद्यालय निनौरा में एक शिक्षामित्र गायब था।
बंगरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मगरपुर में 93 में से सिर्फ 36 विद्यार्थी उपस्थित मिले। प्राथमिक विद्यालय गड़ाखेरा में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता सही नहीं मिली। विद्यार्थियों ने बताया कि फल, दूध आदि वितरित नहीं किए जाते हैं। प्राथमिक विद्यालय रौतयाना में स्टॉफ उपस्थित था। बीएसए ने स्कूलों से गायब मिले शिक्षकों से जवाब तलब करते हुए वेतन रोका है।
अग्रिम आदेश तक शिक्षकों के वेतन रोके गए हैं। गायब शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। – नीलम यादव, बीएसए