कानपुर में सरसौल विकास खंड के सहायता प्राप्त विद्यालय शंकरानंद जूनियर हाईस्कूल के 15 बच्चे मिड-डे मील के बाद जटरोफा खाने से बीमार हो गए। बच्चों को उल्टी-दस्त शुरू होने के बाद स्कूल में हड़कंप मच गया। शिक्षकों के हाथ-पैर फूलने लगे। इलाकाई लोगों की मदद से सीएचसी सरसौल की एम्बुलेंस बुलाकर बच्चों को इलाज के लिए भेजा गया। दो बच्चों को सीएचसी पर ही इलाज मिल गया और 13 बच्चों को कांशीराम लाया गया।
इनमें आठ बच्चों की हालत बिगड़ते देखकर उन्हें हैलट रेफर कर दिया गया। बच्चों ने बताया कि उन्हें काला फल पड़ा दिखा जिसे बादाम समझकर खा लिया। वहीं बीएसए सुरजीत कुमार सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की। बताया कि बच्चों ने जटरोफा खाया था। इस मामले में सीडीओ सुधीर कुमार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है।
सोमवार को शंकरानंद जूनियर हाई स्कूल के 127 बच्चों ने मिड-डे मील खाया। इसके बाद कुछ बच्चे पानी पीने के लिए पास में लगे हैंडपंप पर गए। बीएसए सुरजीत कुमार सिंह का कहना है कि वहीं उन्हें जटरोफा पड़ा दिखा। उसे कुछ बच्चों ने खा लिया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। ये बच्चे मदारीखेड़ा के रहने वाले हैं।
इन बच्चों की बिगड़ी थी हालत
कांशीराम अस्पताल भेजे गए आमिर खान (7) पुत्र सफी मोहम्मद, शमी मोहम्मद (8) पुत्र सिकंदर, अंसार (8) पुत्र ताज मोहम्मद, अफजाल (11) पुत्र रहमत, सलमान (8) पुत्र शब्बीर का इलाज शुरू किया गया। वहीं उल्टी-दस्त के कारण डिडाइड्रेशन बढ़ने से मो. शारिक (8) पुत्र नौशाद, गुलफ्सा (5) पुत्री शमी मोहम्मद, सना (4) पुत्री शमी मोहम्मद, अफजाल (14) पुत्र मो. शमीम, मो. हसनैन (14) पुत्र अशरफ, फरजाना (10) पुत्री ख्वाजिया, हसनैन (14) पुत्र अशरफ, नकीबुल औलिया (9) पुत्र अशरफ को हैलट के बालरोग अस्पताल भेज दिया गया।
डॉक्टर बोले- इलाज हो रहा है, बच्चों की हालत ठीक है
बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके आर्या की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम बच्चों के इलाज में जुट गई। डॉक्टरों ने बताया कि दो बच्चों का बीपी कम हो रहा था। मॉनीटरिंग की जा रही है। सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि बच्चों ने कोई फल खा लिया था। डायरिया होने से बच्चों को दिक्कत थी, उन्हें हैलट भेज दिया गया। हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि इलाज हो रहा है। बच्चों की हालत ठीक है।
मैंने आलू, चावल खाने के बाद सिर्फ एक फल खाया था। वह कड़वा था। इसी से दूसरा नहीं खाया। खाने के बाद चक्कर आने लगा और उल्टी हो गई। -आमिर
हमने खाना खाने के बाद जमीन पर पड़े दो फल खा लिए थे। ऐसा लग रहा था कि बादाम हैं। इसलिए खा लिए। खाने के बाद उल्टी होने लगी। -मो. शमी
सब लोग खा रहे थे। उन्हें देखकर मैंने भी एक फल खा लिया। यह काले रंग का बेर जैसा था, लेकिन कड़वा था तो थूक दिया। फिर तबीयत बिगड़ गई। -अंसार
दोस्त लोग बोल रहे थे कि ये बादाम का पेड़ है। नीचे काले रंग के फल पड़े थे। वे खा रहे थे तो हमने भी खा लिया। इसके बाद फिर उल्टी शुरू हो गई। -अफजाल
कोई दाल चावल और कोई पूड़ी सब्जी बताता रहा
बच्चों को उल्टियां शुरू होेने के बाद स्कूल के शिक्षक और स्टाफ घबरा गया। पूछने पर किसी ने कहा कि मिड-डे मील में पूड़ी और सब्जी बनी थी। वहीं कुछ शिक्षक बता रहे थे कि दाल चावल बना था। प्रधानाचार्य ओपी वर्मा अवकाश पर थे। उनका कार्यभार शिक्षक प्रदीप संभाल रहे थे।
जटरोफा का रतनजोत भी कहते हैं। इसके बीजों में राइसिन की मात्रा अधिक होती है। इसके बीजों को खा लेने से फूड प्वाइजनिंग जैसी स्थिति हो जाती है। इसके प्रतिकूल प्रभाव से उल्टी-दस्त, पेट दर्द और गले में जलन हो सकती है। जटरोफा को डीजल का पौधा भी कहा जाता है। -डॉ. आलोक रंजन, सीएमओ कानपुर नगर