बीमा नियामक इरडा स्वास्थ्य बीमा की गलत बिक्री रोकने के लिए बड़ा बदलाव कर सकता है। इसके तहत बीमा खरीदते वक्त ग्राहक का वीडियो सत्यापन अनिवार्य किया जा सकता है।
विशेष रूप से 55 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को इसमें शामिल किया जा सकता है। इरडा इसके लिए सभी हितधारकों, बैंकों और बीमा कंपनियों से बातचीत कर रहा है।
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य बीमा की बिक्री में पारदर्शिता बढ़ाने और पॉलिसी स्वीकृत करने से पहले कड़ी जांच की जरूरत है। यह उन मामलों में अधिक होना चाहिए, जहां बाजार से जुड़े बीमा उत्पादों में ग्राहक हित प्रभावित होते हैं। खासकर 55 से अधिक आयु के व्यक्तियों को बेचे जाने वाले बाजार से जुड़े लाभ वाले स्वास्थ्य और बचत उत्पादों पर कड़ी निगरानी की जरूरत है।
जवाबदेही बढ़ाने पर बीमा नियामक का जोर
बीमा क्षेत्र के सरकारी नियामक इरडा का जोर बीमा के कार्य में लगे सभी पक्षों को अधिक जवाबदेह बनाने पर है। इसमें उत्पाद बेचने की प्रक्रिया, ग्राहकों के अनुभव और शिकायत निवारण तंत्र का ऑडिट करने के लिए एक उपयुक्त ढांचा तैयार करना शामिल है।
बैंकों की गलत बिक्री पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव
यही नहीं इरडा बैंकों के माध्यम से होने वाली बीमा की गलत बिक्री पर अंकुश लगाने पर विचार कर रहा है। एक प्रस्ताव में यह सुझाव दिया गया है कि बैंक अपने कर्मचारियों को पॉलिसी बेचने के लिए लक्ष्य तय न करें या प्रोत्साहन न दें।
बैंकों ने स्वास्थ्य बीमा सबसे ज्यादा बेचे
आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों ने गैर-जीवन बीमा प्रीमियम में 5.93 और जीवन बीमा प्रीमियम में 17.44 का योगदान दिया। यानी बैंक स्वास्थ्य बीमा सबसे ज्यादा बेच रहे हैं। वहीं, आयकर विभाग उन मध्यस्थों की जांच कर रहा है।