नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के तहत केंद्र सरकार नए शिक्षण सत्र से 5 बड़े बदलाव करने जा रही है। अब 52 प्रादेशिक भाषाओं में इतनी ही प्रवेशिकाएं तैयार की गई हैं जिनसे कि बच्चे मातृ, घरेलू व क्षेत्रीय भाषाओं में हिंदी वर्णमाला और दो अंकों तक की गणित को सीख सकेंगे।
प्रथम चरण में 17 राज्यों की भाषाओं में प्रवेशिकाएं बनी हैं। इसे मैसुरु के भारतीय भाषा संस्थान और एनसीईआरटी ने तैयार किया है। एनसीईआरटी की वेबसाइट पर इनकी पीडीएफ भी अपलोड कर दी गई है।
अटेंडेंस और रिजल्ट पर नजर के अलावे ये होंगे 4 बदलाव
1. भाषाई चैनलः एक से 12वीं तक हर विषय के लिए 22 क्षेत्रीय व प्रादेशिक भाषाओं में 200 फ्री डीटीएच चैनल होंगे जो बिना इंटरनेट के चलेंगे। इसके लिए एनसीईआरटी ने सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस, एनआईओएस एवं राज्यों की एससीईआरटी की मदद से कंटेंट को तैयार किया है। भविष्य में ये चैनल ओटीटी या यूट्यूब पर भी उपलब्ध रहेंगे।
2.विद्या समीक्षा केंद्रः गुजरात की तर्ज पर देश के सभी राज्यों में केंद्र बनेंगे। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा, जिसमें स्कूलों को बच्चों की अटेंडेंस, सुविधाएं, एक्टिविटी, मिड-डे मील, रिजल्ट, मासिक टेस्ट आदि सभी का डेटा रियल टाइम में अपलोड करना पड़ेगा इसके लिए राज्यों को 2 से 5 करोड़ का फंड और तकनीकी मदद भी मिलेगी। उप्र, महाराष्ट्र सहित 13 राज्यों ने अपना डेटा केंद्र के साथ शेयर करना शुरू भीकर दिया है।
3. प्रोफेशनल स्टैंडर्ड: शिक्षकों की गुणवत्ता एक जैसी हो, इसके लिए प्रोफेशनल स्टैंडर्ड को तैयार किए गए हैं। जिसमें शिक्षकों के स्तर व क्षमताओं को परिभाषित किया गया है और शिक्षकों का मूल्यांकन होगा। जिस टीचर की क्षमता या गुणवत्ता मानकों से कम होगी, उनको ट्रेनिंग देंगे। वहीं नेशनल मेंटरिंग मिशन में विषय विशेषज्ञों का प्लेटफॉर्म बनाया है जिससे शिक्षक अपनी आवश्यकता के अनुसार मेंटर की मदद ले सकें।
4.एक्सीलेंस सेंटरः देश के सभी 613 जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) 5 साल में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जांयेंगे। टीचर्स ट्रेनिंग की सुविधाओं के लिए 15 करोड़ रु. तक मिलेंगे। पहले चरण में 125 डाइट सुधरेंगे जिसके लिए 923 करोड़ जारी। जहां एक मॉडल बाल वाटिका भी बनेगा।