पटना, बीपीएससी तीसरे चरण की शिक्षक बहाली का प्रश्न-पत्र कोलकाता स्थित प्रिंटिंग प्रेस से ही लीक हुआ। इस मामले में गिरफ्तार विशाल कुमार चौरसिया ने प्रिंटिंग प्रेस के कुछ कर्मियो की मदद से अपने अन्य साथियों अजय पासवान, सुचिन्द्र पासवान, विनोद कुमार कुशावाह और पवन कुमार राजपूत के साथ मिलकर ऑउट किया था। छपाई पूरी होने के पहले ही पेन ड्राइव में इसे लाया गया था और बाहर लाकर इसे प्रिंट किया गया। इस वजह से इसमें सुरक्षा कोड या बार कोड नहीं है।
यह खुलासा विशाल कुमार चौरसिया ने खुद एसआईटी से पूछताछ में की है। फिलहाल उससे इस बात की गहन तफ्तीश चल रही है कि आखिर उसे प्रिंटिंग प्रेस और यहां काम करने वाले संबंधित कर्मी से संपर्क करने का सुझाव किसने दिया। क्या यह जानकारी उसे बीपीएससी से मिली थी? ईओयू की पूछताछ में विशाल से यह भी पता चला कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस दारोगा भर्ती और बालासोर (ओडिशा) में जूनियर इंजीनियर परीक्षा का भी प्रश्न-पत्र लीक किया था। वह दिल्ली और बालासोर जेल में भी रह चुका है। सेटिंग के दौरान ही उसकी पहचान जौनपुर (यूपी) अजीत चौहान से हुई।
बालासोर जेल में कोलकाता के बीरेंद्र सिंह, पार्थो सेन गुप्ता, कौशिक समेत अन्य से उसकी पहचान हुई, जिन्होंने इस बार कोलकता प्रेस से पेपर लीक करने में मदद की। इनका साथी सुचिंद्र पासवान फुलवारीशरीफ में ऑनलाइन परीक्षा सेंटर चलाता था। इस केंद्र में विशाल का ही पूरा पैसा लगा हुआ है।