लखनऊ। प्रदेश में विद्यालय परिसर में चल रहे 52,836 आंगनबाड़ी केंद्रों (को लोकेटेड) में लर्निंग कॉर्नर बनेंगे। यहां बच्चों के सीखने के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण व्यवस्था होगी। इसमें बच्चों को नंबर गेम, चित्रों के माध्यम से शब्द, फल व जानवरों आदि की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए 42.84 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। बता दें कि प्राथमिक स्तर पर शिक्षा में सुधार के लिए तमाम काम किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) के अनुमोदन के बाद अब लर्निंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। हर विद्यालय में चार लर्निंग कॉर्नर विकसित किए जाएंगे। रीडिंग कॉर्नर में फोम मैट व वर्णमाला, खुले रैक, पिक्चर व स्टोरी वाली किताबें, इंटरैक्टिव बुक मार्क, स्लेट, पोस्टर आदि होगा। आर्ट कॉर्नर में पेपर, प्लास्टिक के फल व पौधे, सब्जी, एनिमल, टूट ब्रश, आर्ट शीट आदि की व्यवस्था होगी।
इसी तरह ब्लॉक कॉर्नर में रंगबिरंगे लकड़ी के ब्लॉक, पिक्चर पजल, खिलौने, क्लिपबोर्ड, शब्द व नंबर के ब्लॉक और परफार्मेंस कॉर्नर में डॉक्टर सेट, किचन सेट, वेजीटेबल सेट, फूड सेट, फ्रूट सेट, टेलीफोन, संगीत से जुड़े यंत्र डफली आदि की व्यवस्था की जाएगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया है कि प्रति विद्यालय सिर्फ 8,110 रुपये से ही सामग्री खरीदी जाएगी। उन्होंने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि प्रबंध समिति के अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति की देखरेख में सामग्री की खरीद कर लर्निंग कॉर्नर को जल्द प्रभावी बनाया जाए। प्रधानाध्यापक इसके लिए विद्यालय स्तर पर नोडल शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तैनाती भी करेंगे। जिससे उनकी देखरेख में बच्चे चीजों को बेहतर तरीके से सीख और समझ सकें।