ज्ञानपुर। एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र में शत प्रतिशत बच्चों तक निःशुल्क किताब नहीं पहुंच पाएंगी। अब तक पहली और दूसरी कक्षा की किताब न आने से विभाग तीसरी से आठवीं की किताबें वितरण करने में जुट गया है। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों संग एसआरजी, एआरपी और नोडल शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित है। जिसमें करीब एक लाख 64 हजार बच्चे पढ़ते हैं। पांच साल पूर्व कान्वेंट की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों में शिक्षा सत्र अप्रैल से लागू हुआ, लेकिन किताबें पुराने ढर्रे से आती रहीं। जिससे शिक्षा सत्र में नवंबर- दिसंबर तक भी सभी बच्चों तक किताबें नहीं पहुंच पाती।
साल 2022 से स्थिति में कुछ हद तक सुधार हुआ। जनवरी-फरवरी से ही किताबें आनी शुरू हो गई और मार्च-अप्रैल में उसका वितरण कराया जाने लगा, हालांकि इस बार पहली और दूसरी कक्षा की किताबें अब तक नहीं आ सकी है। जिससे एक अप्रैल से सभी बच्चों के हाथ में किताब पहुंचना मुश्किल दिख रहा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि 10 लाख में अब तक सात लाख किताबें आ चुकी है। होली के पहले से ही किताबों का वितरण शुरू
करा दिया गया है। तीसरी से आठवीं तक की किताबें स्कूल में पहुंचाई जा रही है। अप्रैल के पहले सप्ताह में ही किताबों का वितरण कराया जाना है, इसके लिए सभी की जिम्मेदारी तय की गई है। पहली और दूसरी की किताबें आने पर भेजी जाएगी।