लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र 2024-25 शुरू हो रहा है। किंतु अभी तक विद्यालयों में किताबें नहीं पहुंची हैं। कुछ जगह पर जिला व तो कुछ जगह ब्लॉक स्तर पर अभी किताबें पहुंची हैं। ऐसे में शुरुआती दिनों में बिना किताबों के ही पढ़ाई होगी, जबकि पिछले साल मार्च में किताबें स्कूल तक पहुंच गई थीं।
प्रदेश में हर साल कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को लगभग 14-15 करोड़ निःशुल्क किताबों का वितरण किया जाता है। इसके लिए विभाग निर्धारित समय पर आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर एक अप्रैल से पहले किताबें उपलब्ध कराता है। लेकिन इस बार सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया, बस्ती, संतकबीरनगर आदि जिलों में और कुछ जगह पर ब्लॉक तक कक्षा तीन से आठ की किताबें पहुंची हैं। 29 और 31 मार्च को छुट्टियां हैं। ऐसे में स्कूलों तक किताबें पहुंचाने के लिए सिर्फ 28 और 30 मार्च दो दिन ही बचे हैं। दो दिन में किताबें सभी स्कूलों तक पहुंचाना बड़ा चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में अधिकतर जगह पर नए सत्र की शुरुआत में किताबें पहुंचना मुश्किल दिख रहा है। वहीं किताबों को विद्यालय तक पहुंचाने के लिए पिछले साल की तरह अभी तक बजट भी जारी नहीं हुआ है। बता दें कि पिछले वर्ष दिसंबर में ही किताबों का टेंडर हो गया था। जनवरी से किताबों की आपूर्ति शुरू हो गई थी। एक अप्रैल को स्कूलों में बकायदा कार्यक्रम आयोजित कर सभी विषयों की किताबें दी गई थीं।
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कक्षा एक-दो के लिए दोबारा टेंडर बेसिक शिक्षा विभाग नए सत्र से कक्षा एक-दो में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर रहा है। ऐसे में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार स्थानीय पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इनकी किताबों के लिए एक बार टेंडर किया गया था, किंतु इसमें अपेक्षाकृत निविदाकर्ता नहीं मिले। अब विभाग ने इनके लिए दोबारा टेंडर किया है। टेंडर के बाद इन कक्षाओं के लिए किताबों की आपूर्ति में थोड़ा और समय लगेगा।
कक्षा तीन से आठ तक की किताबों की सप्लाई जिला स्तर पर भेज दी गई है। लगभग 95 फीसदी किताबें जिला स्तर पर पहुंच गई हैं। सभी जगह पर बीएसए की ओर से इन्हें ब्लॉक स्तर तक पहुंचाया जा रहा है। एक अप्रैल से नई किताबों के साथ पढ़ाई शुरू कराई जाएगी।
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– माधव तिवारी, पाठ्य पुस्तक अधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग।
अभी तक स्कूल में किताबें नहीं पहुंची हैं, जबकि एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है। ब्लॉक तक जो किताबें आई हैं, वह भी पूरी नहीं हैं। विभाग अप्रैल के पहले सप्ताह तक किताबों की व्यवस्था कराए, ताकि बच्चों का पठन-पाठन सुचारु किया जा सके।
– अनिल यादव, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ