नई दिल्ली, म्यूचुअल फंड केवाईसी की समयसीमा 31 मार्च को खत्म हो गई है लेकिन इसके मौजूदा निवेशकों को थोड़ी राहत दी गई है। इसके तहत निवेशकों को अब अपने मौजूदा म्यूचुअल फंड खाते लिए दोबारा केवाईसी कराने की जरूरत नहीं है। ऐसे निवेशक एसआईपी और अन्य योजनाओं में निवेश जारी रख सकते हैं।
इससे पहले कहा गया था कि सभी म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए 31 मार्च तक नई केवाईसी अनिवार्य है। ऐसा न करने पर खाता निष्क्रिय हो जाएगा। इसके बाद हाल ही में केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसी सीडीएसएल ने नई सूचना जारी की, जिसमें कहा गया है कि मौजूदा निवेशकों को अपने केवाईसी रिकॉर्ड को अपडेट करने की आवश्यकता नहीं है। यह केवल उन्हीं पर लागू होगा, जिनके नए म्यूचुअल फंड खुले हैं।
आधिकारिक तौर पर वैध दस्तावेजों में आधार कार्ड, पासपोर्ट और मतदाता पहचान पत्र सहित अन्य शामिल हैं। बैंक स्टेटमेंट और बिजली-पानी जैसे यूटिलिटी बिल अब केवाईसी के लिए वैध नहीं माने जाएंगे।
पूरी तरह बंद नहीं, होल्ड पर होगा खाता
इसके अलावा, सीडीएसएल ने कहा है कि म्यूचुअल फंड योजना में लेनदेन करते रहने के लिए निवेशकों के साथ 31 मार्च तक नई केवाईसी कराने की बाध्यता नहीं है। अगर कोई निवेशक नई केवाईसी नहीं करा पाता है, तब भी वह अपने म्यूचुअल फंड खाते में लेनदेन कर पाएगा। उसका खाता बंद (ब्लॉक) नहीं होगा बल्कि कुछ समय के लिए रोक (होल्ड) दिया जाएगा। जैसे ही निवेशक दोबारा केवाईसी कराएंगे, उनका म्यूचुअल फंड खाता शुरू कर दिया जाएगा।
ऐसे निवेशकों के लिए अनिवार्य नहीं
सीडीएसएल ने कहा है कि अगर आपका केवाईसी रिकॉर्ड निर्धारित आधिकारिक वैध दस्तावेजों का उपयोग करके सत्यापित हैं और आपका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी सत्यापित है, तो इस प्रक्रिया से गुजरने की कोई जरूरत नहीं है। यानी किसी निवेशक ने अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी सत्यापित कर लिया है और उनके द्वारा दिया गया पता प्रमाण दस्तावेज भी आधिकारिक तौर पर वैध दस्तावेजों की सूची में है, तो उन्हें फिर से केवाईसी कराने की जरूरत नहीं है।