चुनाव में पहली बार ड्यूटी लगी तो मास्टरजी की तबीयत बिगड़ गई। कलेक्ट्रेट में रोजाना 100 से अधिक कर्मचारी ड्यूटी कटवाने एडीएम और डीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या एडेड (वित्त पोषित) स्कूलों के अध्यापकों की है। इनकी पहली बार ड्यूटी लगाई गई है। कुछ की अर्जियां सही भी हैं।
बड़ी संख्या में ऐसे हैं, जो निजी डॉक्टर का पर्चा अपनी अर्जी संग नत्थी करके दे रहे हैं। अफसरों के अनुसार मेडिकल आधार पर जो अर्जियां दे रहे हैं, उन्हें मेडिकल बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा। बोर्ड की सलाह पर ही उनकी अर्जी पर निर्णय होगा। इस बार लोकसभा चुनाव के लिए 110 विभागों और कार्यालयों से 52 हजार कर्मचारियों का आंकड़ा लिया गया है। इनमें से कुल 28 हजार 116 कर्मचारियों की डॺूटी लगाई गई है।
पहली बार ऐडेड स्कूलों के 2714 अध्यापकों की ड्यूटी लगी है। पहले रेंडेमाइजेशन में इनमें 1588 को छांट लिया गया है। दूसरे में बाकी 1126 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। गंभीर बीमारी या व्यक्तिगत समस्याओं के साथ आ रहे कार्मिकों से पूरी संवेदनशीलता बरती जा रही है। जिला प्रशासन का दावा है कि ऐसे आवेदनों पर विचार हो रहा है।